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एमपी में नेतृत्व परिवर्तन, खंडवा लोकसभा सीट से दावेदारी- एक बयान से कितने इशारे कर गए कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर ने राज्यसभा सीट के लिए अपनी दावेदारी से इनकार कर दिया है। एमपी के इंदौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रमों की शुरुआत के मौके पर विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें जब भी सांसद बनना होगा, वे चुनाव लड़ कर बनेंगे। इससे यह करीब-करीब स्पष्ट हो गया है कि विजयवर्गीय एमपी से खाली हुई राज्यसभा की एक सीट के लिए बीजेपी के उम्मीदवार नहीं होंगे। मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन से लेकर खंडवा लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव तक के लिए कई इशारे कर दिया। विजयवर्गीय के चुनाव लड़कर संसद पहुंचने के बयान को खंडवा लोकसभा सीट से उनकी दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है। नंदकुमार चौहान के निधन से खाली हुई इस सीट के लिए बीजेपी उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की पहले से ही चर्चा है। इस बयान के बाद माना जा रहा है कि विजयवर्गीय संभवतः खुद भी इस सीट से पार्टी का टिकट चाहते हैं। विजयवर्गीय ने अपने बयान से मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं की ओर भी इशारा कर दिया। हाल के दिनों में बीजेपी ने उत्तराखंड और गुजरात में मुख्यमंत्री बदले हैं। विजयवर्गीय से जब एमपी में इस तरह की संभावनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि परिवर्तन कहीं भी हो सकता है। बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की अलग परंपरा है, लेकिन नेता बदलने से पार्टी की विचारधारा नहीं बदलती। विजयवर्गीय ने इस दौरान कांग्रेस और राहुल गांधी पर भी जम कर निशाना साधा। प्रशांत किशोर और कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि विपक्ष नेता विहीन हो गया है जिसके कारण अलग-अलग चेहरों की तलाश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी जो कहती है, वो करती भी है जबकि कांग्रेस पार्टी समय और परिस्थितियों के हिसाब से अपनी विचारधारा बदल लेती है।


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