गाते-गाते बच्चों को समझा देती हैं भूगोल, तरीका इस टीचर से पढ़ना चाहेंगे सभी बच्चे

ग्वालियर
एमपी के ग्वालियर स्थित एक्सीलेंस स्कूल नंबर एक में भूगोल (Gwalior Geography Teacher) की एक ऐसी अध्यापिका हैं, जो गाना गाकर बच्चों को पूरा भूगोल समझा देती हैं। इनके पढ़ाने का तरीका भी छात्र-छात्राओं को बेहद पसंद है। सिर्फ इतना ही नहीं बच्चों को सामाजिक सरोकार की प्रेरणा भी ये गा कर ही देती हैं। सुनने में भले ही पढ़ाई का यह तरीका किसी कवि सम्मेलन जैसा लग रहा हो, लेकिन स्कूल में आकर देखेंगे तो यह कोई कविता नहीं बल्कि गाने के जरिए भूगोल सिखाने का एक तरीका है। यह तरीका भी ऐसा कि बच्चे पूरी रूचि के साथ सीख भी रहे हैं। यह हैं, ग्वालियर के एक्सीलेंस स्कूल में भूगोल की अध्यापिका डॉ दीप्ति गौड़। दीप्ति पिछले कुछ सालों से भूगोल के कुछ चैप्टर को इसी तरीके से पढ़ाती हैं। ये तरीका इतना सार्थक है कि बच्चों को भूगोल विषय की समझ महज इस 5 मिनट के गाने से हो जाती है। बच्चों की तालियों की गड़गड़ाहट हमें बता रही है कि वह अपने टीचर के पढ़ाने के इस तरीके से बेहद खुश हैं और किसी विषय को बच्चे पढ़ने के बाद खुश हो जाएं तो उसके मायने यही होते हैं कि बात समझ में आ गई। भूगोल की अध्यापिका डॉ दीप्ति की सोच है कि बच्चे देखकर ज्यादा अच्छी तरह समझते हैं और विषय को अगर गाकर समझाया जाए तो वह रुचिकर लगता है। इसीलिए भूगोल पढ़ाने के लिए उन्होंने टेबल पर ग्लोब भी रखा है, जब इसे घुमाने की जरूरत पड़ती है, तो हाथ में उठाकर बच्चों को पूरी दुनिया का नक्शा समझा देती हैं। भूगोल के अध्यापिका की यह शिक्षा केवल अपने विषय तक ही सीमित नहीं है बल्कि बच्चों को सामाजिक बुराइयों से कैसे दूर रखा जाए इसके लिए भी प्रेरित करती है। टीचर तो बहुत देखे हैं और हर किसी का पढ़ाने का तौर तरीका भी अलग होता है लेकिन डॉक्टर दीप्ति गौड़ पढ़ाने में अपने नवाचार को लेकर कई बार सम्मानित हो चुकी हैं। वाकई में पढ़ाई के तरीका तो ऐसा हो जो बिना-बिना मानसिक दबाव के बच्चों को बड़ी से बड़ी किताबें पढ़ा दें।
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