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अमेरिका से बेहतर सड़क बनाने का दावा करने वाले शिवराज जी, उमरिया की इस बच्ची की पुकार सुन लीजिए

सुरेंद्र त्रिपाठीउमरिया साइकल को हाथ में लेकर गांव की सड़क से गुजरती लड़की, उस राज्य की है, जहां के सीएम कुछ साल पहले यह दावा करते थे कि एमपी की सड़कें अमेरिका से बेहतर बनी हैं। मगर हकीकत सीधे विपरीत है। सीएम हाउस के चंद किलोमीटर के दायरे में स्थित सड़कों पर आपको गड्ढे मिल जाएंगे। जिलों में खाट पर लेकर मरीजों को ले जाते ग्रामीण मिल जाएंगे। मगर अमेरिका जैसी सड़कें कम ही देखने को मिलेगी।

 उमरिया जिले की एक बच्ची ने अपने गांव की सड़क को लेकर एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगाई है। उमरिया जिले में भांजियां करुण पुकार कर स्कूल जाने के लिए सड़क बनवाने को कह रही हैं। भांजियां कह रही हैं कि मामा हमें स्कूल जाने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है, कारण गांव में सड़क का नहीं होना। वायरल वीडियो की पड़ताल करने जब मीडिया उस गांव में पहुंची तो सड़क की स्थिति और जिला प्रशासन की अनदेखी दोनों देखने को मिली है।

 जिले के चंदिया तहसील अंतर्गत ग्राम पतरेई की कुछ छात्राओं ने अपने स्कूल आने जाने कि समस्या को लेकर एक वीडियो बनाया। इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो में अपील किया कि मामा और उमरिया जिले के कलेक्टर साहब हमें स्कूल जाने के लिए सड़क नहीं है। कीचड़ और मलबा होने के कारण हम लोग हफ्तों स्कूल नहीं जा पाते हैं, यहां सड़क बनवा दें ताकि हम पढ़ सकें, हम पढ़कर डॉक्टर बनना चाहते हैं।

  कोई सुनवाई नहीं 

गांव पहुंचने पर ग्रामीण शांता नंद गौतम ने कहा कि हम 1995 से यहां रहते हैं और रास्ता बनवाने की मांग लगातार कर रहे लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है। वहीं गांव के बड़े आदिवासी किसान गोपी सिंह सबकी भलाई के लिए अपनी जमीन तक दान में दे रहे हैं, उसके बाद भी किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। गांव के लोग दलदल से गुजरते हैं। यह खबर सामने आते ही राजनीति तेज हो गई है।

 इसे लेकर सियासी दल के लोग राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। गांव के स्थानीय बीजेपी नेता ने कहा कि ये सड़क बनाना मेरे कार्यकाल का नहीं है तो हम इसकी पहल कहां करें। वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा वादा करने का पुलिंदा है जो कहती है, वह कभी पूरा नहीं करती। कांग्रेस ने भांजियों की अपील को जायज ठहराते हुए कहा कि सीएम प्रदेश की सड़कों की तुलना अमेरिका से करते है, जिसकी सच्चाई सबके सामने है।

 वहीं, उमरिया कलेक्टर इसे लेकर बात करने को तैयार नहीं हैं। गौरतलब है कि ये हाल ग्रामीणों इलाकों में ही नहीं, राजधानी भोपाल की सड़कों पर भी आपको गड्ढे दिख जाएंगे। सोमवार को ही सीएम हाउस से कुछ ही दूरी पर स्थित स्मार्ट रोड की खबर आई थी। उद्घाटन के नौ महीने बाद ही यह सड़क उखड़ने लगी थी, जिसका निर्माण 43 करोड़ रुपये की लागत से हुआ था। सीएम ने इस पर नाराजगी व्यक्त की थी।


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