Top Story

Fake IAS Case Indore: विशेष न्यायाधीश विजेंद्रसिंह रावत और सीजेएम अमन भूरिया से पूछताछ करेगी एसआइटी



फर्जी फैसलाकांड : विशेष न्यायाधीश विजेंद्रसिंह रावत और सीजेएम अमन भूरिया से पूछताछ करेगी एसआइटी



इंदौर, Fake IAS Case Indore। फर्जी फैसलाकांड में जांच दो जज और कोर्टकर्मियों की ओर मुड़ गई है। हाईकोर्ट की उच्च स्तरीय कमेटी ने पुलिस को विशेष न्यायाधीश विजेंद्रसिंह रावत और सीजेएम अमनसिंह भूरिया से पूछताछ की अनुमति दे दी है। मामले में गठित एसआइटी दोनों न्यायाधीश को पूछताछ के लिए तलब करेगी। डीआइजी मनीष कपूरिया ने इस बात की पुष्टि की है। जजेस प्रोटेक्शन एक्ट के चलते पुलिस ने रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर रावत व भूरिया से पूछताछ की अनुमति मांगी थी।

निलंबित आइएएस संतोष वर्मा को जिस फर्जी फैसला बनाने के मामले में गिरफ्तार किया वह केस तत्कालीन विशेष न्यायाधीश विजेंद्रसिंह रावत की कोर्ट में ही विचाराधीन था। खुलासा होने पर रावत खुद फरियादी बन गए और एमजी रोड़ थाने में अज्ञात आरोपितों पर फर्जी फैसला बनाने की शिकायत कर दी थी। जब वर्मा को गिरफ्तार किया तो खुलासा हुआ रावत और वर्मा लगातार मोबाइल पर संपर्क में थे

, जबकि सीजेएम अमन भूरिया और वर्मा की वाट्सएप पर बातचीत चल रही थी। भूरिया ने ही इस केस को रावत की कोर्ट में ट्रांसफर किया था। न्यायाधीशों की कॉल डिटेल, चैटिंग सामने आने के बाद एसपी (पूर्वी) आशुतोष बागरी ने हाईकोर्ट को पत्र लिख दोनों जजों से पूछताछ की अनुमति मांगी थी। अनुमति के अभाव में दो माह से जजों से पूछताछ नहीं हुई और रावत का तबादला हो गया।

रिकार्ड रूम में आग का बहाना बनाकर वर्मा की फाइल दबा रहे थे न्यायाधीश रावत

विशेष न्यायाधीश भले ही मामले में फरियादी हो लेकिन शक तो उन पर शुरू से ही गहरा रहा था। तत्कालीन डीपीओ मोहम्मद अकरम शेख से वाट्सएप, कॉल रिकार्डिंग मिलने पर शक पुख्ता हो गया। शेख ने बयानों में बताया कि 14 अक्टूबर को रावत ने चैंबर में बुलाकर पूछा कि सामान्य प्रशासन विभाग वर्मा से संबंधित जानकारी मांग सकता है। उक्त प्रकरण में हर्षिता से उनका समझौता हो गया और उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया है।

 आप जानकारी भेजने में देरी मत करना। रावत ने फाइल दिखाई और शेख ने उक्त फैसला स्कैन कर लिया। 15 अक्टूबर को दोपहर 1:17 बजे रावत ने शेख को मैसेज कर पूछा सर एनी अपडेट। दोपहर 1:19 पर लिखा प्लीज टेल मी। शेख ने 3:48 बजे अपिल न करने का अभिमत पत्र बना रावत को वाट्सएप कर दिया। रावत ने तुंरत हैंड इमोजी भेज दी।


दो मार्च को एडीपीओ संजय पांडे द्वारा बताने पर शेख ने सीआइएस सिस्टम जांचा तो पता चला प्रकरण लंबित है। तीन मार्च को रावत ने उन्हें कॉल किया तो रावत ने टालते हुए कहा सीआइएस पर ध्यान मत दो। सिस्टम पर तो हमारी कोर्ट की तीन हजार फाइलें गायब है। दो बजे मेरे चैंबर में आ जाओ बैठकर बात करते हैं। हर्षिता अग्रवाल द्वारा शिकायत करने पर एएसपी (पूर्वी-2) राजेश रघुवंशी और शेख रावत के पास पहुंचे को कहा निर्णय होने के बाद फाइल रिकार्ड रूम में भेज दी गई थी। आग लगने के कारण फाइल मिलना संभव नहीं है। जिला एंव सत्र न्यायाधीश डीके पालीवाल को शिकायत की तो पता चला उन्होंने पहले ही जांच बैठा दी है।



from Nai Dunia Hindi News - madhya-pradesh : indore https://ift.tt/3hVxqyt