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Garment Industry In Indore: गारमेंट इंडस्ट्री में उत्साह, 10 साल में सबसे बेहतर इस साल का कारोबार




Garment Industry In Indore: गारमेंट इंडस्ट्री में उत्साह, 10 साल में सबसे बेहतर इस साल का कारोबार

लोकेश सोलंकी, इंदौर Garment Industry In Indore। इंदौर की गारमेंट इंडस्ट्री के चेहरे पर महामारी की शिकन की बजाय उत्साह की मुस्कुराहट फैली दिख रही है। रेडीमेड गारमेंट निर्माताओं को मिल रहे आर्डर ने आने वाले बेहतरीन कारोबारी सीजन की झलक दे दी है। शहर के गारमेंट निर्माता खुद दावा कर रहे हैं कि साल 2021 का त्योहारी सीजन व्यापार के लिहाज से 10 वर्षों में सबसे बेहतर रहने वाला है।

 

दक्षिण भारत से इंदौर के कपड़ा निर्माताओं को मिल रहे रिकॉर्ड तोड़ आर्डर ने शहर के थोक कारोबारी व निर्माताओं को खुश कर दिया है। खेरची कारोबारी भी कम खुश नहीं है। राजबाड़ा और मध्यक्षेत्र से हटाए गए अतिक्रमण के साथ इन कारोबारियों को अपने व्यापार की बाधाएं भी हटती नजर आ रही है।


इंदौर की रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्रीज बीते वर्षों में करीब पांच सौ करोड़ का कारोबार करने वाली मानी जाती रही है। शहर में छोटे-बड़े मिलाकर कुल 2200 गारमेंट निर्माता है। इन कारखानों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 25 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। थोक कारोबारी और खेरची दुकानों को जोड़ा जाए तो इंदौर में कपड़ों का कारोबार सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला साबित हो रहा है। रेडीमेड गारमेंट निर्माता एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष निगम के मुताबिक मोटे तौर पर इंदौर में हर पांचवा व्यक्तिकहीं न कहीं गारमेंट इंडस्ट्री या कपड़ों के व्यापार से रोजगार पा रहा है। कोरोना के दो वर्ष में व्यापार को खासा नुकसान हुआ।


कपड़ा कारोबारियों के लिए स्थिति शून्य की तरह हो गई। लेकिन इस साल त्योहारों से पहले बुकिंग देखकर हमें भरोसा है कि इस साल का कारोबार 10 वर्षों में सबसे बेहतर होने वाला है। निगम कहते हैं ये कोई कोरा अनुमान नहीं है बल्कि इसके पीछे ठोस वजह है। दरअसल बीते समय से दक्षिण भारत के राज्यों से इंदौर के गारमेंट फैक्ट्रियों और थोक कारोबारियों को जमकर आर्डर मिल रहे हैं। कारोबारी लिहाज इसकी एक खास वजह है कि लड़कों के कपड़ों (0 से 12 वर्ष) के मामले में मुंबई से अच्छी और अपेक्षाकृत किफायदी कपड़ों की श्रृंखला इंदौर में बनती है।

दूसरी कोरोना के शून्य मामलों की वजह से भी इंदौर की ओर दक्षिण भारत के कारोबारियों ने रुख कर लिया है। वे अब मुंबई या दिल्ली जाने की बजाय इंदौर से खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं। अभी तक के आर्डर की स्थिति से यह साफ है। दो वर्षों से खरीदी भी लगभग बंद थी इस वजह से भी एकाएक मांग निकली है। कारखाने इस समय 24 घंटे काम करवा रहे हैं।

व्यापार के लिए रास्ते खुले

कपड़ों की सबसे बड़ी मंडी एमटी क्लाथ मार्केट से लेकर महिला वस्त्रों का सबसे बड़ा बाजार सीतलामाता बाजार और रेडीमेड गारमेंट की सबसे ज्यादा दुकानें राजबाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में ही है। बीते दिनों से सड़कों के चौड़ीकरण और हाल ही में हटाए अतिक्रमण कब्जों के बाद ट्रेफिक के साथ व्यापार की गति भी बढ़ती दिख रही है। क्लाथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य अरुण बाकलीवाल और साड़ी के थोक कारोबारी गोविंद राठी के मुताबिक सड़क चौड़ी होने का लाभ बाजार को मिलता दिख रहा है।



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