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Jabalpur Police: खाकी वर्दी के दो रूप: एक नए जगाई जीवन की आस, दूसरे की वजह से टूट गई सांस



Jabalpur Police: खाकी वर्दी के दो रूप: एक नए जगाई जीवन की आस, दूसरे की वजह से टूट गई सांस

जबलपुर, घटना मुख्य रेलवे स्टेशन की है। जिसमें रेलवे परिसर में ड्यूटी करने वाले खाकी वर्दीधारी तथा जिला पुलिस बल के वर्दीधारियों की अलग-अलग भूमिका सामने आई।

रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर भिक्षा मांगकर पेट भरने वाला वृद्ध निर्मम व्यवस्था का शिकार हो गया। रेलवे के अधीन कार्यरत कुछ खाकी वालों ने उसे रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से उठाकर बाहर फेंक दिया था। इस दौरान पैर में लगी चोट के टांके खुल गए जिसके बाद खून से लथपथ वृद्ध तड़पता रहा। प्रत्यक्षदर्शी कुछ आटो चालकों ने पुलिस व 108 एम्बुलेंस को सूचना दी। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो मौके पर पहुंची एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने गंदगी से लथपथ वृद्ध को निर्वस्त्र हालत में अस्पताल पहुंचाने से हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद खाकी का दूसरा रूप सामने आया।

सिविल लाइन थाने से पहुंचे जवानों ने वृद्ध के शरीर में लगी गंदगी साफ कर उसे स्नान कराया। एक जवान अपने घर से कपड़े ले आया और गरीब नवाज कमेटी के वाहन से उसे विक्टोरिया अस्पताल पहुंचाया। शरीर से अत्यधिक मात्रा में रक्तस्त्राव होने के कारण कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। कमेटी के सदस्यों ने अज्ञात मृतक के शव का अंतिम संस्कार कराया। पीड़ित मानवता की सेवा के लिए सिविल लाइन पुलिस द्वारा उठाए गए कदम की सराहना करते हुए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

यह है मामला: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक वृद्ध रेलवे स्टेशन पर रहकर लोगों से भीख मांगकर अपना जीवन यापन करता था। जिसे खाकी वर्दी पहने कुछ जवान प्लेटफार्म के बाहर फेंककर चले गए थे। वृद्ध उस समय निर्वस्त्र हालत में था तथा उसके दोनों पैर से रक्तस्त्राव हाे रहा था। कुछ आटो चालकों ने 108 एम्बुलेंस को सूचना दी। मौके पर पहुंची एम्बुलेंस कर्मचारियों ने वृद्ध को अस्पताल पहुंचाने से इनकार कर दिया। प्राथमिक उपचार दिए बगैर एम्बुलेंस कर्मी वापस चले गए। 

करीब तीन घंटे बाद घटना की सूचना सिविल लाइन थाना प्रभारी हिना खान (प्रशिक्षणरत उप पुलिस अधीक्षक) को दी गई। उनके निर्देश पर पुलिस टीम मौके पहुंची। सिविल लाइन थाने के प्रधान आरक्षक विजय शर्मा व अन्य जवानों ने हाथ में ग्लब्स पहनकर वृद्ध के शरीर में लगी गंदगी साफ कर कपड़ों की व्यवस्था की। जिसके बाद 108 एम्बुलेंस को बुलाया गया। काफी विलंब से पहुंची एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने दोबारा वृद्ध को अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया।

कमेटी ने दिया सहारा: एम्बुलेंस कर्मचारियों के अमानवीय व्यवहार को देखते हुए पुलिस ने गरीब नवाज कमेटी को सूचना दी। कमेटी के इनायत अली व अन्य सदस्य वाहन लेकर मौके पर पहुंचे। जहां से घायल भिक्षुक को विक्टोरिया अस्पताल पहुंचाया। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। कमेटी के सदस्यों ने रविवार को शव का अंतिम संस्कार किया।

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