Religious Indore News: व्यक्ति भय से नही प्रेम से धर्म-दान की ओर बढ़ेगा

Religious Indore News: व्यक्ति भय से नही प्रेम से धर्म-दान की ओर बढ़ेगा
इंदौर, Religious Indore News। कथा हमारे अंतर्मन में तभी प्रवेश करेगी, जब हमारे अंदर श्रद्धा होगी। जन्म जन्मांतर के भटकाव से बचना है तो भागवत का आश्रय जरूर लेना चाहिए। कलयुग में व्यक्ति स्वयं को बहुत ज्यादा बुद्धिमान मानता है। बच्चे भी बुजुर्गों को कुछ नहीं समझते। सूर्य ग्रहण का पता लगाने के लिए विज्ञान को करोड़ों रुपये की मशीनें लगाना पड़ती है जबकि यह जानकारी 80 रुपये के भारतीय पंचाग से मिल सकती है।
यह बात महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानन्द महाराज ने कही। वे ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर स्कीम नंबर-54 में आयोजित भागवत कथा में कही। उन्होंने कहा कि आज हम पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रहे हैं। हमने कभी वेदों के दर्शन भी नहीं किए होंगे, पढ़ना और समझना तो दूर की बात है। चारों वेदों, पुराणों और महाभारत के बाद भी जब वेद व्यास को संतुष्टि नहीं हुई तो वे नारद के पास पहुंचे। नारद ने उन्हें कहा कि आपने लिखा तो बहुत पर उनमें परिवारों की ही चर्चा है। अब कुछ ऐसा लिखो जिसमें परमात्मा की चर्चा हो और तब वेद व्यास ने भागवत की रचना की। व्यक्ति भय से नहीं, प्रेम से ही धर्म, दान और पुण्य की ओर बढ़ेगा।
भागवत वह ग्रंथ है जो व्यक्ति को पाप नहीं करने के बजाय पाप की प्रवृत्ति को छोड़ने की ओर प्रवृत्त करता है। व्यक्ति प्रेम और भक्ति से सरोबार होगा तो पाप कर्म की प्रवृत्ति से भी दूर रहेगा। भागवत श्रद्धा और आस्था के साथ सुना जाने वाला ग्रंथ है। जन्म जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति चाहिए तो भागवत का आश्रय जरूर लेना चाहिए। इस मौक़े पर समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, विधायक रमेश मेंदोला, विजय मित्तल, गणेश गोयल, पूर्व पार्षद मुन्नालाल यादव, संजय चौधरी, अजय गोयल, सुधीर कोल्हे आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया।
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