World Tourism Day 2021: कोविड के बाद पर्यटकों की सुरक्षा के साथ मिल रहा पर्यटन को बढ़ावा

World Tourism Day 2021: कोविड के बाद पर्यटकों की सुरक्षा के साथ मिल रहा पर्यटन को बढ़ावा
World Tourism Day 2021: जबलपुर, नर्मदा तट पर बसे शहर को प्रकृति की अनुपम देन के रूप में प्राकृतिक सौंदर्य प्राप्त है। संगमरमरी चट्टानों के बीच से गुजरती नर्मदा के प्रवाह से बना भेड़ाघाट स्थित धुंआधार जलप्रपात, पंचवटी का नौकाविहार हो या फिर चारों ओर पानी से घिरा पायली। ऐसे ही डुमना नेचर पार्क, खंदारी जलाशय, बैलेंसिंग राक, नर्मदा के सभी खूबसूरत तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
इसके साथ ही वीरांगना रानी दुर्गावती की वीरता को दर्शाता मदन महल का किला, वीरांगना का समाधि स्थल भी शहर की पहचान है और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय। अच्छी बात है कि जब जबलपुर का नाम शहर से बाहर लिया जाता है तो ये पर्यटक स्थल शहर को एक प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर स्थान से पहचानते हैं। लेकिन इन स्थानों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने और पर्यटकों को इन्हें देखने के लिए शहर में रोकने हेतु प्रयास करने की आवश्यकता है। जिसमें आवश्यक है पर्यटकों की मूलभूत सुविधाओं व सुरक्षा का ध्यान रखना। आज विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आइए जानते हैं शहर के कुछ पर्यटन स्थलों की खासियत के बारे में।
कोविड के दौरान सुरक्षा महत्वपूर्ण: कोविड के कारण बीते करीब डेढ़ वर्षों से शहर का पर्यटन प्रभावित हुआ है। लाकडाउन के कारण सभी पर्यटन स्थल वीरान और अव्यवस्थित हो गए थे। अब जबकि गतिविधियां फिर से शुरू हो गईं हैं तब मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा सभी स्थानों पर मास्क लगाने व सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
विभाग के पीआरओ विकास खरे से मिली जानकारी के अनुसार पर्यटन विकास निगम के जितने भी होटल, मोटल, रिसार्ट हैं वहां प्रत्येक स्टाफ का टीककारण कराया जा चुका है। जिससे पर्यटकों को आने पर उन्हें सुरक्षा मिल सके। इसके साथ ही प्रत्येक स्थान पर मास्क लगाकर आना अनिवार्य किया गया है। प्रयास किया जा रहा है कि पर्यटन स्थलों पर पर्यटक प्रकृति का आनंद लें पर सुरक्षित माहौल में। इसके साथ ही शहर के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को बढ़ाने के लिए कुछ नई योजनाओं पर भी काम चल रहा है। जो कोविड के कारण रोकनी पड़ी थीं लेकिन अब प्रयास हैं कि जल्द ही शहर के पर्यटन स्थलों पर कुछ आकर्षक किया जाए।
98 फीट की ऊंचाई से बनता जलप्रपात: धुंआधार जलप्रपात शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर भेड़ाघाट में है। जहां सफेद संगमरमर की चट्टानों के बीच नर्मदा बहती है और एक स्थान पर 98 फीट की ऊंचाई से गिरकर आकर्षक जलप्रपात बनाती है। इस जलप्रपात की खूबसूरती देखने देश और विदेशों से भी लोग यहां आते हैं। भेड़ाघाट में ही पंचवटी नामक स्थान पर नौकाविहार करते हुए बंदरकूदनी व संगमरमर की चट्टानों से बने अन्य स्थानों का आनंद लिया जा सकता है। जबलपुर से सड़क मार्ग से होकर भेड़ाघाट तक पहुंचा जा सकता है। यहां पहुंचने में करीब 40 मिनट का समय लगता है।गोंड शासक मदन शाह बनवाया था किला: शहर संपन्न ऐतिहासिक विरासत को दर्शाता मदन महल का किला मिसाल है गोंड रानी वीरांगना दुर्गावती की वीरता का। जिसे गोंड राजा मदन शाह ने 1116 ईस्वी में निर्मित किया था। पहाड़ी के ऊपर िस्थत पत्थर का बना यह किला गोंड शासन काल में सैन्य चौकी के रूप में था। ऐसा कहा जाता है कि यहां से रानी दुर्गावती पूरे क्षेत्र पर नजर रखा करती थीं। किले में युद्ध कक्ष, गुप्त मार्ग, अस्तबल और एक छोटा सा जलाशय भी है। यह किला शहर में स्थित है लेकिन फिर भी अासामाजिक तत्वों, उचित बिजली व्यवस्था व सुरक्षा न होने के कारण असुरक्षित भी है।
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