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Crime News: यूट्यूब से एटीएम हैक करना सीखा, छह माह में उड़ा लिए दस लाख रुपये


भोपाल: एटीएम हैक कर पैसे निकाल रहे हरियाणा के एक गिरोह को पुलिस ने पकड़ा है। ये राजधानी में एसबीआइ के एनसीआर तकनीक के एटीएम में छेड़खानी कर छह माह में 10 लाख रुपये निकाल चुके हैं। इन्हें 100 से अधिक एटीएम में छेड़खानी करने के बाद मात्र 35 में से ही रुपये निकालने में कामयाबी मिल सकी। दो माह पहले साइबर क्राइम के पास इस संबंध में पहुंची शिकायत के बाद पड़ताल की तो पुलिस तीन आरोपितों को पकड़ने में सफल हो गई। आरोपितों के पास से साइबर पुलिस को विशेष प्रकार का उपकरण मिला है। जिसकी मदद से वह रकम निकालते थे। आरोपितों ने बताया कि उन्होंने यूट्यूब से एटीएम को हैक करना सीखा है। पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि बैंक और एटीएम की देखरेख करने वाली कंपनी की लापरवाही सामने आ रही है। उन्हें नोटिस दिया जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक साईं कृष्णा एस. थोटा के अनुसार 13 अगस्त 2021 को प्रेमप्रकाश रंगा (40) निवासी बाग सेवानिया ने शिकायत की थी कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने ऐशबाग के पद्मनाभ नगर के एसबीआइ के एटीएम में छेडछाड़ कर रुपये निकाले हैं। प्रेमप्रकाशएफएसएस (फाइनेंशियल साफ्टवेयर एवं सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी के अफसर हैं। उनकी शिकायत को मामले को जांच में लिया था। एएसपी साइबर अंकित जायसवाल ने बताया कि जांच के दौरान तकनीकी एनालिसिस और शहर के एटीएम के सीसीटीवी फुटेज की कड़ी जोड़ते हुए पुलिस भोपाल स्टेशन की पार्किंग में खड़ी एक बाइक तक पहुंची। इस पर करीब एक माह निगरानी रखी गई। जिसके बाद पक्का हो गया कि यह बाइक आरोपितों की है, जो वारदात कर रहे थे। कुछ दिन पहले सूचना मिली कि आरोपित स्टेशन पहुंचकर बाइक निकाल रहे हैं। इस पर हनुमानगंज पुलिस सक्रिय होकर उनके पीछे लगी और मौका देखकर आरोपितों को दबोच लिया। आरोपितों के पास से बाइक, दो मोबाइल और स्वनिर्मित विशेष उपकरण, तीन आधार कार्ड और नौ एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। आरोपितों ने जुमेराती, नबीबाग कालेज रोड, अयोध्या नगर, शाहपुरा, इतवारा, बजरिया, छोला, निशातपुरा, आशोका गार्डन इस प्रकार से वारदात कबूल की है।

ग्रुप-ए की टीम पकड़ी गई, बी की तलाश जारी

पुलिस ने आरिफ खान निवासी ग्राम सापनकी पलपल हरियाणा, शाहरुख निवासी सापनकी पलवल हरियाणा और मनीष निवासी पलवल को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों में आरिफ और शाहरुख 10 और 12वीं तक पढ़े हैं। शाहरूख को एटीएम का अच्छा खासा ज्ञान है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह दो ग्रुप में वारदात करता है। हालांकि इनमें तीन गु्रप भी हो सकते हैं। एक ए गु्रप है, जिसको पकड़ा है। इनकी गिरफ्तारी के बाद से बाकी गु्रप अंडरग्राउंड हो गए हैं। पहला गु्रप जब वारदात के वापस पहुंच जाता था, तब दूसरा वारदात करने निकलता था। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह के ग्रुप बी का मुफरिद नाम का एक सदस्य भोपाल में दस साल रह चुका है। उसने ही इन्हें यहां के इलाके और एटीएम की सुरक्षा को लेकर जानकारी दी थी।

एएसपी के अनुसार यह गिरोह वारदात के लिए जब भोपाल आता था तो गांव से पलवल, फिर दिल्ली और वहां से भोपाल आते थे। यहां आकर पार्किंग से बाइक उठाकर एसबीआइ के उन एटीएम को निशाना बनाते थे। जो एनसीआर तकनीक के हैं, क्योंकि इस मशीन के साथ छेड़छाड़ कर रुपये निकालना आरोपितों को आता था। उनको बाकायदा पलवल में इसकी ट्रेनिंग दी गई थी।

कैश प्लेट के अंदर डाल देते थे विशेष उपकरण

आरोपितों एटीएम में जहां से रुपये बाहर आते हैं, उस चैंबर को जोर से पकड़ लेते थे, इससे वह ऊपर ही रह जाता था। इसके बाद वह कैश प्लेट में फंसाने के लिए लोहे का उपकरण बनाकर लाते थे, जिसको बनाने की विधि आरोपितों को इस गिरोह के मास्टर माइंड इनाम ने सिखाई थी, जो बार बार इन लोगों को यू-टयूब के जरिये हैकिंग का तरीका सिखाता था। ये लोग उपकरण को एटीएम की कैश्ा प्लेट के चैंबर में फंसा देते थे। इससे एटीएम कार्ड का उपयोग करने पर रुपये उनके बनाए उपकरण पर गिर जाते थे और सिस्टम एरर के जरिये रकम न कटकर वापस खाताधारक के खाते में पहुंच जाती थी। फिर वे रकम लेकर फरार हो जाते थे। बताया जा रहा है कि ये गिरोह वारदात करने के लिए एटीएम भी 20 हजार रुपये में कमजोर वर्ग के लोगों से खरीद लेते थे। वह लोगों से एटीएम बीस हजार में खरीदते थे।


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