भोपाल भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के गैराज प्रभारी आशीष पटेल को लोकायुक्त द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद दुग्ध संघ और महासंघ के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के पूर्व संचालकों का कहना है कि जब डेढ़ साल पहले आशीष पटेल को डीजल चोरी मामले में पकड़ा गया था तभी ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए थी जोकि नहीं की गई। केवल गैराज से हटाकर समन्वय में भेज दिया था। यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं थी। ऐसे कर्मचारियों पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए थी। ऐसा ना करके संबंधित अधिकारियों ने आशीष प्रभारी पटेल को बचाने का काम किया था। दुग्ध संघ के पूर्व संचालक बलराम बारंगे ने कहा कि जब आशीष पटेल को गैराज से हटा दिया गया था तो उसे दोबारा जिम्मेदारी देना भी गलत था। इस पर भी जांच होनी चाहिए कि आखिरकार किस अधिकारी ने आशीष पटेल को पुनः गैराज की जिम्मेदारी दी थी।
दुग्ध महासंघ से सेवानिवृत्त डॉ. वीके पांडे का आरोप है कि रिश्वत लेने के मामले में अकेले आशीष पटेल का हाथ नहीं है, बल्कि कई अधिकारियों के भी तार जुड़े हैं। लोकायुक्त को कॉल डिटेल रिपोर्ट निकालकर वरिष्ठ स्तर से जांच करनी चाहिए। आशीष पटेल जैसे कर्मचारी अपने स्तर पर कभी रिश्वत लेने जैसे कदम आकेले उठा ही नहीं सकते हैं।
दुग्ध संघ में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को बार-बार उठाने वाले डॉ. वीके पांडे का आरोप है कि जब डीज़ल चौरी में आशीष पटेल का नाम आया था तो उसे किसी भी कीमत पर प्रभारी नहीं बनाना था। फिर भी बना दिया गया था। यह यह साधरण बात नहीं है बल्कि सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। इसमें निश्चित तौर पर अधिकारी मिले हुए हैं। दुग्ध महासंघ को भी इस संबंध में अलग से जांच करनी चाहिए। डाॅ. पांडे ने बताया कि मैंने इस संबंध में पशुपालन विभाग ओर मुख्यमंत्री महोदय से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
यह है मामला
लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के गैराज मैनेजर व एक टैंकर चालक के खिलाफ गुरुवार को प्रकरण दर्ज किया है। गैराज मैनेजर अन्य टैंकर संचालकों से लंबी दूरी पर टैंकर चलाने के लिए रिश्वत मांग रहा था। गैराज मैनेजर को गिरफ्तार कर जमानत पर छोड़ा है।
लोकायुक्त पुलिस के निरीक्षक वीके सिंह ने बताया कि करीब 15 दिन पहले विदिशा के प्रकाशराज ठाकुर ने इस मामले की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि गैराज मैनेजर आशीष पटेल प्रति टैंकर दस से 15 हजार स्र्पये की रिश्वत मांग रहा है। इसमें एक अन्य टैंकर चालक नानू उसका सहयोग कर रहा है। आशीष को रंगे हाथ पकड़ने के लिए लोकायुक्त ने जाल भी बिछाया, लेकिन निर्धारित समय पर आशीष पटेल ने बाद में रिश्वत की राशि लेने को कहा। इसके बाद शिकायत की जांच की गई और सही पाए जाने के बाद गुस्र्वार को आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे जमानत पर छोड़ा गया है। साथ ही आगे की पूछताछ के लिए लोकायुक्त कार्यालय बुलाया गया है। नानू की तलाश की जा रही है।
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