सोने पर सुहागा साबित हो रही है शुद्ध ज्वेलरी, कम कीमत और निवेश की बढ़ती लगन

इंदौर कोरोना महामारी की नकारात्मकता को उत्सवी बेला की सकारात्मकता दूर भी कर रही है और नई ऊर्जा का संचार भी कर रही है। सोने पर सुहागे का काम उत्सवों के लिए की जाने वाली खरीदारी कर रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विगत वर्षों में दीपावली पर की जाने वाली सोने-चांदी की खरीदारी इस बार श्राद्ध पक्ष में ही हो गई है। इसकी वजह केवल 'लक्जरी" सोच नहीं बल्कि सही निवेश की वह रोशनी है जिसने कोरोना महामारी के कारण उपजे अंधेरे में साथ दिया।
नईदुनिया संस्थान में आयोजित त्योहारी संवाद कार्यक्रम में शहर के ज्वेलरी सेग्मेंट से जुड़े व्यवसायी और एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने त्योहर के उल्लास और बाजार के प्रयास पर अपनी बात रखी। इस अवसर पर नईदुनिया के राज्य संपादक सदगुरु शरण अवस्थी, सीईओ संजय शुक्ला, आपरेशंस हेड नरेश पांडे, मीडिया मार्केटिंग हेड मध्यप्रदेश यशपाल कपूर और यूनिट हेड क्षितिज चौरे भी उपस्थित थे।
संवाद में ज्वेलरी सेग्मेंट से जुड़े दिग्गजों ने वर्तमान में लोगों की बदली सोच और आवश्यकता के साथ वे किस तरह तैयार हैं इस बारे में भी बताया। यह बात सामने आई कि लाकडाउन और उससे उपजी आर्थिक समस्याओं का निवारण सही निवेश ने किया। जिन ज्वेलरी को केवल लक्जरी के रूप में खरीदा गया था वह बुरे वक्त में न केवल काम आई बल्कि सोने-चांदी के दामों में आई तेजी ने लोगों को सहारा भी दिया।
मार्च 2020 में जहां सोने की कीमत 40 हजार के करीब थी वही कीमत देखते ही देखते 58 हजार प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार कर गई। इसी तरह चांदी में भी उछाल आया और करीब 38 हजार प्रति किलो कीमत वाली चांदी 75 हजार प्रतिकिलो तक पहुंच गई।
- सोने-चांदी की कीमत ही नहीं मांग में भी होगा इजाफा
- सोने की कीमत 58 हजार प्रति 10 ग्राम की हो सकती है बढ़त।
- चांदी की कीमत 85 हजार प्रतिकिलो तक पहुंचने की है उम्मीद।
- ज्वेलरी की खरीदारी में 5 गुना तक बढ़त होने की है संभावना।
- अगामी दिनों में कई महुर्त ऐसे हैं जिसमें सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है।