तिलहन उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई बीज प्रौद्योगिकी विकसित करने की जरूरत : नितिन गडकरी

इंदौर, केंद्रीय सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती उपभोक्ताओं के हित में है। बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ऐसा करना जरूरी था। गडकरी रविवार को अंतरराष्ट्रीय सोया कॉन्क्लेव में वर्च्युअल माध्यम से शामिल हुए।
कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सोयाबीन उत्पादकता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि नई बीज तकनीक विकसित की जाए। उन्होंने बायोउर्जा के लिए सोया तेल के इस्तेमाल का सुझाव भी दिया। गडकरी ने कहा कि जो कंपनियां मिश्रित तेल बनाती हैं उन्हें स्पष्ट शब्दों में बताना चाहिए कि मिश्रित खाद्य तेल का निर्माण करते समय कौन सा तेल कितने प्रतिशत मिलाया गया है।
इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि और किसान कल्याण) अजीत केसरी, सोपा अध्यक्ष डॉ. दवीश जैन, आइसीएआर-आइआइएसआर निदेशक डॉ. नीता खांडेकर ने भी संबोधित किया। उद्घाटन समारोह के बाद तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने पोल्ट्री उद्योग, सोया तेल और सोयामील की मांग और आपूर्ति के पूर्वानुमान, मूल्य खोज और जोखिम प्रबंधन आदि पर अपने विचार रखे।
सोयाबीन का उत्पादन 13.71 प्रतिशत बढ़कर 118.889 लाख मीट्रिक टन हुआ
कुछ राज्यों में सोयाबीन की फसलों को नुकसान की खबरों के बीच अच्छी खबर है कि इस साल देश में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ना तय है जबकि मप्र और राजस्थान सहित कुछ राज्यों में सोयाबीन का रकबा कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय सोया कॉन्क्लेव के दौरान जारी नए आंकडों के अनुसार 2021 में देश में सोयाबीन का उत्पादन 118.889 लाख टन होने का अनुमान है। यह पिछले साल के मुकाबले 13.71 प्रतिशत ज्यादा है।
सोयाबीन का रकबा 123.677 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान था लेकिन 119.984 लाख हेक्टेयर जमीन पर ही सोयाबीन बोया गया। मप्र में इस साल बारिश में देरी और रकबे में कमी के बावजूद सोयाबीन का उत्पादन 41.772 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 52.293 लाख टन होने का अनुमान है। महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात में सोयाबीन का उत्पादन अधिक होने का अनुमान है। मप्र में पिछले साल सोयाबीन का रकबा 58.540 लाख हेक्टेयर था जो इस साल घटकर 55.688 लाख हेक्टेयर रह गया।