तामिया: सरकारी भवन निर्माण के दौरान राजमार्ग में अतिक्रमण का मामला
तामिया। सरकारी भवन निर्माण के दौरान राजमार्ग में अतिक्रमण का मामला सामने आने के बाद अधिकारियों के निर्देश पर ठेकेदार ने गेट हटवा लिए। मुख्य मार्ग में सड़क की हद में अतिक्रमण कर रातोंरात गेट का स्थाई निर्माण तामिया में कंप्यूटर प्रशिक्षण भवन में हो रहा है। जानकारी के मुताबिक इस भवन निर्माण की ड्राइंग डिजाइन कार्यालय में बैठकर ही बना ली गई थी, क्योंकि जब कंप्यूटर कक्ष बनाने का नंबर आया तो जगह नहीं होने के कारण बिना चीफ इंजीनियर अनुमति के आदिम जाति कल्याण विभाग का पुराना स्कूल भवन तोड़कर कंप्यूटर कक्ष दिया गया, लेकिन उन्हीं के विभाग के अधिकारी मौन साधे रहे। ठेकेदार ने भवन निर्माण मनमर्जी से किया। नए भवन में प्लास्टर के कुछ दिन बाद ही भवन की दीवारों में दरारें आ गई थीं। ठेकेदार ने सड़क की हद में 20 फीट की दूरी पर गेट एवं फेंसिंग कर पक्का गेट बना रहा है जो नियम विरुद्ध है। उपयंत्री और विभाग के तकनीकी आला अधिकारियों की अनदेखी के कारण गलत लेआउट दिए जाने की स्थिति में ठेकेदार को सड़क पर जाकर कंपाउंड बनाना पड़ रहा है।
पीआइयू विभाग के तकनीकी अधिकारी छिंदवाड़ा से ही तकनीकी मार्गदर्शन देकर निर्माण कार्य पूरा करा रहे हैं। तकनीकि जानकारों के मुताबिक यदि गेट एवं फेंसिंग का लेआउट उपयंत्री देता तो निश्चित ही सड़क की हद में नहीं देता, लेकिन विभाग को भवन निर्माण का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर ही भवन को हस्तांतरित किया जाता, लेकिन जब पीआइयू विभाग के उपयंत्री अनिल डेहरिया से पूछा गया तो वह ठेकेदार का नाम तक नहीं बता पाए। इससे बड़ी लापरवाही सामने आई है। ठेकेदार ने अपनी मनमर्जी से उक्त कंप्यूटर प्रशिक्षण भवन का कार्य कराया। देखना यह पीआई यू विभाग के अधिकारियों ने कैसा दौरा किया कि उन्हें भवन के कार्य की गुणवत्ता क्षेत्रफल खसरा नक्शा आदि की जानकारी नहीं थी। यही वजह है कि मुख्य मार्ग से 40 फीट दूरी पर भवन निर्माण है और 20 फीट पर गेट निर्माण हो गया है।
सड़क उतनी जगह में सिमट गई है, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ गई। सबसे बड़ी बात यह है कि इसी भवन के बाजू से कई छात्रावास आश्रम में बच्चे निवासरत हैं। वह स्कूल एक साथ आश्रम छात्रावास से आना जाना करते हैं। इस तरह छात्र, छात्राओं के साथ होने वाली किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं चौंकाने वाली बात यह है कि पीआइआईयू 2 के उपयंत्री को ठेका कंपनी का नाम याद नहीं है। लगभग दो करोड़ के भवन निर्माण का कहीं भी कोई लागत संबंधी सूचना बोर्ड यहां नहीं लगाया गया है। एमपीआरडी के महाप्रबंधक आरके सोनी ने बताया कि सड़क की हद मे निर्माण पूर्णत गलत है। गौरतलब है कि बीते दिनों एमपीआरडीसी के जीएम श्री सोनी ने वीरा द ढाबा के सामने मील का पत्थर हटाए जाने पर कार्रवाई की थी।