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बक्सवाहा के जंगलों में हीरा खनन पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, सरकार और एएसआई से मांगा जवाब

जबलपुर : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट () ने बक्सवाहा में हीरा खनन पर तत्काल रोक लगने के आदेश दिए हैं। मंगलवार को हाई कोर्ट ने खनन करने वाली कंपनी के कार्य पर रोक लगाते हुए कहा है कि इससे जंगल में मिली पाषाणकालीन रॉक पेंटिंग (), कल्चुरी और चंदेल काल की मूर्तियां आदि नष्ट होने का खतरा हो सकता है। हाई कोर्ट ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया () से जवाब मांगा है। एमपी के छतरपुर में स्तिथ बक्सवाहा में तक़रीबन 364 हेक्टेयर जमीन पर हीरा खनन के लिए सरकार ने अनुमति दी थी। बक्सवाहा के जंगलों में 25 हजार साल पुरानी रॉक पेंटिंग मिली थी। रॉक पेंटिंग पाषाण युग की है। जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपाण्डे ने इसके बाद बक्सवाहा में खनन रोकने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि पुरातात्विक सम्पदा के संरक्षण के लिए जब तक कोई उपाय नहीं किया जाता, तब तक बक्सवाहा में खनन पर रोक लगाई जाए। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया () ने 10 से 12 जुलाई के बीच बक्सवाहा जंगल में सर्वे किया था और अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को दी थी। इसी सर्वे के आधार पर याचिकाकर्ता ने खनन पर रोक लगाने की मांग की थी। मंगलवार को हाई कोर्ट की डबल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए स्टे आदेश जारी किया। आदेश में हाई कोर्ट ने कहा है कि बक्सवाहा में खनन का कोई भी काम उसके निर्देश के बाद ही होगा।


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