Gwalior Dharma samaj News: आश्विन मास का पहला सोम प्रदोष व्रत आज, करें शिव आराधना

Gwalior Dharma samaj News: अश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत 4 अक्टूबर सोमवार के दिन रखा जाएगा। त्रयोदशी तिथि का आरंभ रविवार रात 10:29 बजे है, जिसका समापन सोमवार को रात 9:05 बजे होगा। सोम प्रदोष पूजा मुहूर्त सोमवार शाम को 6:04 बजे से रात 8:30 बजे तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त होने से पौने घंटे पहले की जाती है। इस समय आश्विन मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है।
हर मास की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है। आश्विन मास का प्रदोष व्रत इस बार सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए यह सोम प्रदोष व्रत है। ऐसे में सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सोम प्रदोष व्रत पूजन विधि
सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद शिव जी के सामने दीपक जलाकर प्रदोष व्रत का संकल्प लें, शाम को शुभ मुहूर्त में पूजन करें। गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि से विधिपूर्वक पूजन करें। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती व गणेश जी की भी पूजा की जाती है। पूजने के दौरान शिव जी की आरती, शिव मंत्र का जाप व शिव चालीसा का पाठ जरूर करें।