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Gwalior Migratory birds News: प्रवासी पक्षियों ने समय से पहले ही जमाया डेरा,दिखने लगी हैं 70 प्रजातियां

 
ग्वालियर सात संमुदर का सफर तय कर शहर में घर बसाने के लिए प्रवासी पक्षियों ने आना शुरू कर दिया है। मीलों दूर से आकर शहर में बने जलाशयों में अपना डेरा जमा लिया है। वैसे यह पक्षी सर्दियों में आना शुरू करते हैं। लेकिन इस बार वातावरण अच्छा होने की वजह से समय से पहले ही आना शुरू कर दिया है। आज विश्व प्रवासी पक्षी दिवस है। इन पक्षियों के लिए हैवीटेट बर्ड वाचिंग पार्क खुरैरी में तैयार किया गया है। एक लाख 45 हजार वर्गफीट में फैले तालाब तैयार किया गया है। जहां बाहार से आने वाले पक्षी रहते हैं।


 इसके आस-पास हरियाली की गई थी,जिससे पक्षी अपना घर बना सकें। अब तालाब के पास जमीन पर घास लगाई जा रही है। जिससे यहां आने वाले पक्षी घास में भी अपना घरोंदे बना सकेंगे। इस तालाब में मिटी के बने तीन टापू पर पक्षी बैठना पसंद करते हैं। इसलिए उन्हें और भी हरा भरा करने का काम चल रहा है।


70 प्रजाति के 150 पक्षी बनाते हैं डेरा-

वन्य प्राणी विशेषज्ञ गौरव परिहार ने बताया कि इस तालाब पर साइबेरिया,अफ्गानिस्तान,लेह-लद्याख देश विदेश से आकर अपना डेरा जमाते हैं। बर्ड वाचिंग के दौरान पाया गया है कि यहां 70 प्रजाति के लगभग 150 पक्षी आते हैं। वैसे प्रवासी पक्षी दिसंबर सर्दी के मौसम आना शुरू करते हैं। लेकिन इस बार पहले ही आना शुरू कर दिया है। जलाश्यों के आस-पास दिखना शुरू कर दिया है।


यह प्रजाति डालती है डेरा-

लार्ज ईग्रेट,रैड वेटल्ड लेपविंग,ग्रीन बी ईटर,पीड मायना,स्कावेंजर वल्चर,ग्रे हेरॉन,कांब डक,शेल डक,ग्रेट कारमोरेंट,डार्टर,शेल डक,रोज रिंग पैराकिट,साइबेरियन, इंडियन रोबिन,आसी क्राउन फिंग लार्क,रोज रिंग पैराकीट सहित 70 प्रजाती यहां देखे जाते हैं। इनके लिए 20 प्रतिशत मैदानों घास लगाई जा रही है। जहां घनी घासीय मैदानों में रहना पसंद करते हैं।


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