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Gwalior Prakash Parva News: हाथी-घोड़े पर सजकर निकली निहंगों की फौज, गतकाबाजी ने मोहा मन



Gwalior  News:  बंदी छोड़ दिवस की 400वें वर्ष समारोह में तीसरे एवं अंतिम दिन आज सुबह से ही कथा व कीर्तन चलता रहा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत हजारों लोगों ने गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ पहुंचकर में मत्था टेका। बुधवार को पंजाब से आये बाबा अवतार सिंह जी दल बाबा बिधीचन्द सुर सिंह वालों ने अपने जत्थे के साथ आकर गुरुद्वारे में अरदास की। अरदास में बाबा सेवा सिंह भी शामिल रहे। उसके बाद महल्ला निकाला। उनके साथ हाथी घोड़े सजाकर शामिल किए।


 
महल्ला निकालते वक्त बाबा जी की निहंग सिंहों की फौज ने गतकाबाजी (मार्शल आर्ट) सिख संगत को दिखाई। निहंग सिंहों की गतकाबाजी ने सिख संगतों का मन मोह लिया। वहीं गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ में तीसरे दिन भी लंगर अटूट जोरों से चला। हजारों लोगों ने लंगर में प्रसाद चखा, वहीं सेवादारों ने श्रद्धाभाव के साथ लंगर बांटा।


35 कमेटियां व 3 हजार वालेंटियों ने संभाली व्यवस्ता

गुरुद्वारा दाता बंदीछड़ द्वारा सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था के लिए 3000 से अधिक वालेंटियर सेवादारों लगाए थे। 35 कमेटियां सफाई, लंगर, कार पार्किंग, पानी, आदि जिम्मेदारियों को संभालने की लिए बनाई गई थीं। छोटे बच्चों व महिलाओं को किसी प्रकार की मुश्किल न आए, इस बात का विशेष ध्यान रखा गया।



किले के चारों ओर निकालेंगे प्रभात फेरी

गुरुवार को सुबह 4 बजे से 9 बजे तक किला ग्वालियर के चारों तरफ परिक्रमा लेकर प्रभातफेरी निकाली जाएगी। जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालु शामिल रहेंगे। 400 साल पहले जब गुरु हरगोविंद साहिब जी किले में कैद थे। उस समय की हुकूमत ने संगत को गुरु जी से मिलने नहीं दिया था। तब बाबा बुड्डा साहिब जी के साथ अमृतसर से आई सिख संगत ने किले की परिक्रमा लगाकर किले के दरवाजे पर ही माथा टेककर वापिसी की थी। उसी याद में गुरुवार को किले की परिक्रमा लगाई जाएगी।

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