GK: माता-पिता को है बच्चों से भरण पोषण पाने का अधिकार, नहीं तो दायर कर सकते हैं केस
माता-पिता चार-चार बच्चों की देखभाल आसानी से कर लेते हैं लेकिन चार-चार बेटे मिलकर भी माता-पिता को नहीं संभाल पाते। बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं लेकिन कई बार हम इनकी देखभाल में लापरवाही बरतते हैं। जिनकी अंगुलियों को थाम हमने चलना सीखा उन्हीं की बुढ़ापे में हम अनदेखी करने लगते हैं। जिस वक्त माता-पिता को परिवार और देखभाल की सबसे ज्यादा जरूरत होती है उसी समय हम उन्हें परिवार से दूर करने में जरा भी नहीं सोचते। कलेक्टर कार्यालय और जिला न्यायालयों में बुजुर्गों से जुड़े प्रकरणों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कहीं बुजुर्गों को बेटे-बहू द्वारा प्रताडित किए जाने की शिकायत है तो कहीं किसी अपने द्वारा भोजन से वंचित किए जाने की। कहीं जबरदस्ती वृद्धाश्रम छोड़े जाने की शिकायत है तो कहीं घर से निकाले जाने की। कहीं संपत्ति हड़पने की शिकायत है तो कहीं संपत्ति के लिए प्रताडित किए जाने की।
बुजुर्गों की इन्हीं समस्याओं के समाधान और उन्हें कानूनी सलाह देने के लिए मंगलवार को नईदुनिया कार्यालय में मौजूद थे जिला न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव मनीष श्रीवास्तव। उन्होंने बुजुर्गों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि माता-पिता को बच्चों से भरण पोषण पाने का अधिकार है। बच्चे देखभाल नहीं कर रहे हों तो माता-पिता उनके खिलाफ सक्षम न्यायालय में प्रकरण दर्ज करवा सकते हैं।
सवाल - मैं फोटोग्राफर गृह निर्माण सहकारी संस्था का सदस्य हूं। संस्था ने 1984 में मुझे एक प्लाट बेचा था लेकिन आज तक भूखंड नहीं मिला। 86 वर्षीय हूं। मैं क्या कर सकता हूं। मेरे साथ कई साथी हैं जो परेशान हो रहे हैं। -सुंदरदास बत्रा, इंदौर
जवाब - आप सामूहिक रूप से संस्था के खिलाफ जिला न्यायालय में प्रकरण दर्ज करने के लिए गुहार लगा सकते हैं। इसके अलावा आप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी मदद ले सकते हैं। लीगल वालेंटियर प्रकरण के संबंध में दौड़भाग में आपकी मदद करेंगे।
सवाल - मेरी उम्र 80 साल है। तीन साल से पत्नी के घुटनों में दिक्कत है। चलफिर नहीं सकती। हमारी देखभाल वाला कोई नहीं है। क्या कोई मेरी मदद कर सकता है। - रतनलाल जैन, सुदामा नगर
जवाब - आप इलाज से जुड़े दस्तावेजों के साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क करें। दस्तावेजों से संतुष्ट होने पर प्राधिकरण सीएमएचओ को इलाज के संबंध में आदेश कर सकता है। आयुष्मान कार्ड की पात्रता होगी तो वह भी बनवाया जा सकता है।
सवाल - निर्धन बुजुर्गों को किसी तरह की पेंशन मिल सकती है क्या? -राजू अग्रवाल, देवास
जवाब -आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों के लिए वृद्धावस्था पेंशन योजना है। इसके लिए नगर निगम में आवेदन करना होता है। 600 रुपये महीना पेंशन दी जाती है।
सवाल - बेटे देखभाल नहीं करते। शिकायत लेकर थाने जाते हैं तो पुलिस दुर्व्यवहार करती है। बुजुर्ग क्या करें -अशोक दशोरे, महालक्ष्मी नगर इंदौर
जवाब - बेटे देखभाल नहीं कर रहे हैं तो बुजुर्ग माता-पिता वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण कल्याण अधिनियम के तहत एसडीएम कोर्ट में प्रकरण दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट अधिकतम 10 हजार रूपये तक भरण पोषण देने के आदेश दे सकती है। थाने पर दुर्व्यव्हार होता है तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी लिखित शिकायत करें। आप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी मदद ले सकते हैं।
सवाल - हमारे मोहल्ले के बुजुर्ग दंपति को उनके बच्चों ने घर से निकाल दिया है। वे मंदिर के बाहर बैठे हैं। क्या करें - सुभाष श्रीवास्तव, गुलाबबाग
जवाब - माता-पिता वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण अधिनियम की धारा 24 में भरण पोषण दिलाए जाने का प्रविधान है। इसके लिए संबंधित एसडीएम कोर्ट में आवेदन देना होगा। न्यायालय के आदेश के बावजूद भरण पोषण नहीं देने पर बेटे को सजा भी हो सकती है। एक महीना भरण पोषण नहीं देने पर 30 दिन जेल की सजा का प्रविधान है।
सवाल - मेरी मां की जमीन पर किसी ने कब्जा कर लिया है। क्या करें - असलम उज्जैन
जवाब - आज दीवानी न्यायालय में वाद दायर कर सकते हैं।
सवाल - घर में बुजुर्गों की इज्जत नहीं होती। बच्चे भी अनदेखी करते हैं। बच्चों के खिलाफ क्या कर सकते हैं।- हुकमचंद कटारिया, सनावद
जवाब - जरूरी है कि बच्चों से बचपन से ही दोस्ताना व्यवहार रखा जाए। उन्हें समय दें। उनसे बात करें। माता-पिता बच्चों पर ध्यान देने के बजाय मोबाइल में व्यस्त रहते हैं और फिर बुढ़ापे में बच्चों से समय की अपेक्षा करते हैं।
सवाल - बेटे ने मेरे मकान पर कब्जा कर लिया है। पति लकवाग्रस्त हैं। परेशान हूं। क्या करूं : पूनम खत्री, गणेश नगर
जवाब - आप एसडीएम कोर्ट में मकान के संबंध में आवेदन दें। बेटा-बहू परेशान कर रहे हैं तो पुलिस में शिकायत भी कर सकती हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मदद भी ले सकती हैं।
सवाल - एसडीएम कोर्ट ने तीन हजार रुपये महीना भरण पोषण दिलवाया था। क्या इसे बढ़वा सकते हैं। -मदन लोदवाल परदेशीपुरा, इंदौर
जवाब - आप इस संबंध में कलेक्टर के समक्ष आवेदन दे सकते हैं। महंगाई को देखते हुए भरण पोषण भी बढाया जा सकता है।
सवाल - मेरी उम्र 80 साल है। मेरे पडोस में रहने वाले युवा डीजे बजाते हैं। मुझे इससे घबराहट होती है। -भेरूसिंह तोमर, मांगलिया
जवाब - आप कोलाहल अधिनियम के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भी शिकायत की जा सकती है।
ये हैं कानून
यह भी कहा
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-माता-पिता, वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण कल्याण अधिनियम के तहत भरण पोषण के लिए एसडीएम के समक्ष आवेदन दिया जा सकता है। एसडीएम कोर्ट को प्रकरण का निराकरण अधिकतम तीन महीने में करना होता है। अधिकतम 10 हजार रुपये तक भरण पोषण दिलवाया जा सकता है। आदेश के बावजूद भरण पोषण नहीं देने पर सजा का प्रविधान भी है। एक महीने की चूक के लिए एक महीना सजा का प्रविधान है।
-भरण पोषण के लिए जिला न्यायायल में धारा 125 के तहत भी प्रकरण दायर किया जा सकता है। न्यायालय बेटे की आय के हिसाब से भरण पोषण तय कर सकती है।
-60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ मिलता है। नगर निगम में आवेदन करना होगा। प्रतिमाह 600 रुपये पेंशन दी जाती है
-माता-पिता को चाहिए कि मोबाइल में समय देने के बजाय बच्चों को समय दें। अक्सर देखने में आता है कि बच्चों को अत्याधुनिक सुविधाएं देने के चक्कर में माता-पिता कामकाज में व्यस्त हो जाते हैं। बचपन में बच्चों को माता-पिता का समय नहीं मिलता तो बच्चे बड़े होने पर माता-पिता की अनदेखी शुरू कर देते है।