Indore News: शहर को भिक्षुक मुक्त करने में नाकाम निगम व जिला प्रशासन

इंदौर, जिला प्रशासन व निगम द्वारा इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त शहर बनाने की कवायद की जा रही है। आठ माह पहले तक जहां भिक्षुकों को आश्रयगृह में रख उनके सुधार व विस्थापन की योजना बनाई जा रही थी और इसके लिए मुहिम भी चलाई थी। भिक्षुकों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा था। वहीं अब यह मुहिम ठप हो गई हैं। यही वजह है कि शहर के प्रमुख चौराहों पर अब फिर से बच्चों को लेकर महिलाए व बुजुर्ग भीख मांग रहे हैं।
शहर में पलासिया चौराहा, गीताभवन चौराहा, भंवरकुआं, महूनाका, रसोमा, विजय नगर, बंगाली चौराहा सहित शहर के प्रमुख चौराहों पर फिर से बच्चों को लेकर भीख मांग रहे हैं। ये लोग कार चालकों के कांच खटखटाते हैं तो कई दो पहिया वाहन चालकों के सामने भी बच्चे आ जाते हैं। ट्रैफिक सिग्नल चालू होने पर भी ये नहीं हटते हैं। ऐसे में भीख मांगने वाले बच्चों के वाहनों से दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा भी रहता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार देश के प्रमुख 10 शहरों में इंदौर को भी भिक्षुक मुक्त शहर बनाने की सूची में शामिल किया गया है।
भिक्षुक प्रवेश केंद्र का हुआ रेनोवेशन, जल्द होगा शुभारंभ
परदेशीपुरा में बने भिक्षुक प्रवेश केंद्र पहले सिर्फ 25 भिक्षुकों के रहने का इंतजाम था। निगम द्वारा इस भिक्षुक केंद्र का पुर्नउद्धार किया गया है। यहां पर कुछ कक्ष बढ़ाए गए हैं। अब यहां पर तीन हाल बनाए गए है, जिनमें करीब 50 भिक्षुकों को रखा जा सकता है। जल्द ही इसका शुभारंभ होने वाला है। अभी तक अस्थाई तौर पर भिक्षुकों को परदेशीपुरा स्थित रैन बसेरे में रखा जा रहा है। हालांकि यहां पर भी इक्का-दुक्का भिक्षुक ही है।
अब भी पुल, धार्मिक स्थलों के आसपास मौजूद है भिक्षुक
शहर में अभी शास्त्री ब्रिज के आसपास, धार्मिक स्थलों व अन्य स्थानों पर भिक्षुक मौजूद है। निगम द्वारा इनके पुनर्वास के रहने के लिए योजना भी बनाई गई लेकिन वो भी अभी तक कागजों तक ही सीमित है। कई चौराहों पर तो बच्चे भी भीख मांग रहे हैं। पहले महिला बाल विकास विभाग व चाइल्ड लाइन द्वारा चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों को रेस्क्यू कर कार्रवाई की जाती थी लेकिन कोविड संक्रमण के नाम पर पिछले दो साल से ये मुहिम भी बंद पड़ी है। ऐसे में चौराहे पर भी भीख मांगने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। शहर में 24 फरवरी 2021 को निगम व प्रशासन ने भिक्षुकों के पुर्नवास के लिए मुहिम चलाई थी। उस समय करीब 100 भिक्षुकों को शहर से एकत्र कर भिक्षुक केंद्र में रखा गया था।
जल्द ही भिक्षुक पुनर्वास की योजना पर होगा अमल
निगम भिक्षुकों के पुनर्वास की योजना पर काम कर रहा है। परदेशीपुरा का भिक्षुक पुनर्वास केंद्र का कुछ काम बाकी है जो जल्द पूरा होगा। वर्तमान में वहां के रैन बसेरे में 20 से 22 भिक्षुकों को रखा गया है। एनजीओ का चयन कर उनके माध्यम से भिक्षुकों के रोजगार व पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी।-