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Jabalpur News : शांतिनगर में घरों के सामने कच्चा नाला बना मुसीबत, पनप रहे मच्छर, सांस लेना मुश्किल



जबलपुर, शांतिनगर रेयान स्कूल के पीछे रहने वाले लोग घरों के सामने गंदगी से बजबजा रहे नाला के हाल देखकर रोजाना ही नगर निगम को कोस रहे हैं। क्योंकि घरों के ठीक सामने कई वर्षों से नासूर बना नाला क्षेत्रीय लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। उनका कहना है कि एक तरफ कोरोना, डेंगू जैसी बीमारियां फैल रही हैं वहीं कच्चा नाले में भरे गंदे पानी में मच्छर पनप रहे हैं। नाला तो दूर क्षेत्र के नाले-नालियों की सफाई तक नहीं हो रही।

 नाले से इस कदर दुर्गंध उठती है कि अब सांस ले पाना तक मुश्किल हो रहा है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। नगर निगम के अधिकारी बारिश के पूर्व यहां पहुंचे थे नाला भी देखा लेकिन इसे पक्का आज तक नहीं करवाया।

सफाई के भी बुरे हाल : शांतिनगर के रहवासियों ने बताया कि सफाई व्यवस्था के भी बुरे हाल हैं। न तो रोजाना झाडू लगती है न कचरा गाड़ी पहुंचती है। नाले-नालियों में कचरा फेकें जाने से वह इस कदर चोक हो चुकी है कि यदि जोरदार बारिश हो जाए तो क्षेत्र में जलप्लावन के हालात बन जाएं। स्कूल के पीछे बनी बस्ती के लोग तो बारिश के पहले दहशत में आ जाते हैं। नगर निगम के सफाई कर्मचारी आकर थोड़ी बहुत सफाई कर इतिश्री कर लेते हैं।


टैक्स ले रहे रहे तो सफाई भी दो : क्षेत्र के जागरूक लोगों का कहना है कि नगर निगम संपत्ति, जलकर के साथ ही घरों से कचरा उठवाने का भी टैक्स वसूल रहा हैं। नगर निगम यदि टैक्स ले रहा है तो सफाई भी करानी चाहिए। लेकिन नगर निगम अपनी जिम्मेदारियों से बच रहा है।

पार्क भी बेच दिया : क्षेत्रीय जनों का आरोप है कि स्कूल के पीछे बने बना पार्क भी बेच दिया गया है। जबकि ये पार्क जबलपुर विकास प्राधिकरण की स्कीम नंबर नौ के तहत बनाया गया है। बच्चों के खेलने के लिए अब यहां जगह ही नहीं बची है।


क्षेत्र में सफाई के स्थिति बेहद खराब है। सड़कों में तो झाडू लगती है लेकिन गलियों में सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है। नगर निगम को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।


घर के सामने कच्चा नाला बना हुआ हैं इसका आज तक सीमेंटीकरण नहीं कराया गया। इसमें मच्छर पनप रहे हैं, दुर्गंध से रहना मुहाल हो गया है। नगारिक से आग्रह है कि नाला बनवा दें।


शहर में डेंगू, मलेरिया का प्रकोप बढ़ गया है। लेकिन दवाओं का छिड़काव नियमित तौर पर नहीं किया जा रहा है। क्षेत्र में सफाई व्यवस्था नाकाफी है।



क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। नाले-नालियों की नियमित तौर पर सफाई नहीं की जा रही है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन भी नहीं हो रहा है।

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