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Kidney Transplant: किडनी प्रत्यारोपण के बाद स्वस्थ हुआ युवक, डाक्टरों ने कहा- जबलपुर के लिए बड़ी उपलब्धि



जबलपुर, पड़ोसी जिला कटनी से आकर मेडिकल कालेज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण कराने वाले युवक को मंगलवार को छुट्टी दे दी गई। जीवन की नई आस लेकर वह घर के लिए रवाना हुआ। छुट्टी देने से पूर्व चिकित्सकों ने उसकी सेहत की जांच की। जांच में किडनी प्रत्यारोपण पूर्णत: सफल पाया गया। मरीज की जान बचाने के लिए उसके पिता ने किडनी दान में दी थी। चिकित्सकों ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज का निश्शुल्क किडनी प्रत्यारोपण आपरेशन किया गया था।


 उसके उपचार में करीब दो लाख रुपये की दवाएं दी जा चुकी हैं। अस्पताल में मरीज को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया था। डा. अश्विनी पाठक, डा. नीरज जैन, डात्र तुषार धकाटे, यूरोलाजी विभागध्यक्ष डा. फणींद्र सोलंकी, डा. अर्पण चौधरी, डा. अविनाश प्रताप सिंह, डा. अनुराग दुबे, डा. प्रशांत पटेल ने मरीज की देखरेख की।

26 को हुआ था आपरेशन: नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 26 सितंबर को किडनी प्रत्यारोपण की शुरुआत हुई थी। करीब तीन घंटे तक चले आपरेशन के दौरान कटनी से आए पिता की बाईं किडनी का सफल प्रत्यारोपण बेटे को किया गया। किडनी प्रत्यारोपण की तैयारियां करीब एक माह से की जा रही थीं। किडनी प्रत्यारोपण के बाद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल सरकारी अस्पतालों में प्रदेश में दूसरा अस्पताल बन गया है। 


इसके अलावा मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ भोपाल में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध है। खास बात यह है कि आयुष्मान योजना के कार्ड के आधार पर किडनी प्रत्यारोपण निश्शुल्क किया गया। नोडल अधिकारी व यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डा. फणींद्र साेलंकी के नेतृत्व में किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया पूर्ण की गई थी। किडनी प्रत्यारोपण को प्रारंभ कराने में मेडिकल कालेज के डीन डा. प्रदीप कसार, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डायरेक्टर डा. वायआर यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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