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New Education Policy: भारतीय संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देगी नई शिक्षा नीति




इंदौर,  New Education Policy Indore। स्नातक पाठ्यक्रम में सत्र 2021-22 से उच्च शिक्षा विभाग ने नई शिक्षा नीति लागू कर दी है। जहां फर्स्ट ईयर के विद्यार्थियों को अपनी पसंद के आधार पर विषयों का चयन करना है। इसके लिए कालेजों को सहयोग करना है। इसी उद्देश्य से कालेजों के शिक्षकों को नई नीति के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

गुरुवार को श्री जैन दिवाकर महाद्यिालय की फैकल्टी को नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़ी जानकारी दी गई। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. मनोहर दास सोमानी ने कहा कि यह शिक्षा नीति 1900 व 1968 की शिक्षा नीति से बहुत अलग है। मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति व भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना है। पहली से आठवीं तक की इन्हें पढ़ाया जाएगा।

 साथ ही स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की शिक्षा में कौशल विकास एवं व्यवहारिक शिक्षा को महत्व दिया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय इस पर निरन्तर कार्य कर रहा है एवं मप्र देश का पहला राज्य है जो कि उच्च शिक्षा संस्थानों में स्नातक प्रथम वर्ष से नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 2021-22 से लागू कर रहा है।


स्नातक अध्ययनरत विद्यार्थियों को बहुसकाय विषय के अध्ययन की सुविधा दी। ताकि छात्र-छात्राएं अपनी रूचि व पसन्द के अनुसार विषयों का चयन कर उच्च शिक्षा प्राप्त करें सके। वे बताते है कि शिक्षा नीति को रोजगार की दृष्टि से भी तैयार किया है, जिसमें समय-समय पर संशोधन किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों के सवालों के जवाब भी डा. सोमानी ने दिए। अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ संगीता भारुका एवं प्रशासनिक अधिकारी प्रो. मयंक माथुर ने किया। संचालन डॉ. दीपक जैन ने किया एवं आभार डॉ गीता शुक्ला ने माना।

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