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इंदौर के सीएमएचओ के खिलाफ मानवाधिकार आयोग ने जारी किया वारंट, डीआईजी से भी मांगा जवाब

इंदौर मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने दवाओं के कथित दुष्प्रभावों से एक रोगी के कूल्हे की हड्डी खराब होने के मामले में रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने को लेकर मंगलवार को इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। अधिकारियों ने बताया कि राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने सीएमएचओ बीएस सैत्या के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। इसके साथ ही, कारण बताओ नोटिस जारी करके उनसे पूछा कि उन पर 5,000 रुपये से अधिक रकम का जुर्माना क्यों न लगाया जाए? उन्होंने बताया कि सीएमएचओ को आदेश दिया गया है कि वह आगामी छह जनवरी को आयोग के सामने खुद हाजिर होकर अपना स्पष्टीकरण दें। अधिकारियों ने बताया कि इंदौर निवासी अरुण जाटव ने आयोग को अक्टूबर 2020 में शिकायत कर कहा था कि वह चर्म रोग उपचार के लिए शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) के चिकित्सक राहुल नागर के पास गए थे। जाटव का आरोप है कि नागर की दी गईं दवाओं के दुष्प्रभाव से कूल्हे की हड्डी खराब हो गई। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में आयोग ने सीएमएचओ से रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन कई बार स्मरण पत्र भेजने के बावजूद उन्होंने न तो कोई रिपोर्ट सौंपी, न ही कोई जवाब प्रस्तुत किया। आयोग ने एक अन्य मामले में इंदौर के एमवाईएच से भागे सजायाफ्ता कैदी जाम सिंह (47) की खुदकुशी को लेकर शहर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। अधिकारियों ने बताया कि हत्या के एक मामले में उम्रकैद काट रहा जाम सिंह माउथ कैंसर के उपचार के दौरान पिछले शुक्रवार पुलिस को चकमा देकर एमवाईएच से फरार हो गया था। भागने के बाद उसने पड़ोसी खरगोन जिले में कथित तौर पर कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी।


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