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जरूरत से ज्‍यादा सोए तो घट सकती है उम्र, स्टडी में दावा

डॉक्टर्स शरीर के ठीक से काम करने के लिए हर व्यक्ति को 7 से 8 घंटे सोने की सलाह देते हैं। हालांकि, कई लोगों में नींद की कमी देखी जाती है, लेकिन ओवरस्लीपिंग को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि जरूरत से ज्यादा सोने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। वैसे हममें से कई लोग वीकेंड्स पर बहुत देर तक सोते हैं, लेकिन अगर हर रोज आप इतनी देर तक सोएं, तो यह किसी चिकित्सा स्थिति का संकेत है। अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग हर दिन 8 घंटे से ज्यादा सोते हैं, उनमें छह से आठ घंटे के बीच सोने वाले लोगों की तुलना में स्ट्रोक होने की संभावना ज्यादा होती है।

एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग जरूरत से ज्यादा नींद लेते हैं, उन्हें स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्ट्रोक से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना बेहद जरूरी है।


Over sleeping and stoke: जरूरत से ज्‍यादा सोए तो घट सकती है उम्र, स्टडी में दावा

डॉक्टर्स शरीर के ठीक से काम करने के लिए हर व्यक्ति को 7 से 8 घंटे सोने की सलाह देते हैं। हालांकि, कई लोगों में नींद की कमी देखी जाती है, लेकिन ओवरस्लीपिंग को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि जरूरत से ज्यादा सोने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

वैसे हममें से कई लोग वीकेंड्स पर बहुत देर तक सोते हैं, लेकिन अगर हर रोज आप इतनी देर तक सोएं, तो यह किसी चिकित्सा स्थिति का संकेत है। अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग हर दिन 8 घंटे से ज्यादा सोते हैं, उनमें छह से आठ घंटे के बीच सोने वाले लोगों की तुलना में स्ट्रोक होने की संभावना ज्यादा होती है।



​कम उम्र में स्ट्रोक से मर रहे हैं लोग
​कम उम्र में स्ट्रोक से मर रहे हैं लोग

स्ट्रोक तब होता है जब मास्तिष्क के एक हिस्से में खून के बहने में रूकावट आती है या खून का बहना कम हो जाता है। इससे ब्रेन टिशू को नुकसान पहुंचता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि एक गतिहीन जीवनशैली के कारण 25 वर्ष से कम उम्र के लोग हृदय गति रूकने से स्ट्रोक के कारण मर रहे हैं। 11 दिसंबर 2019 को अमेरिकन अकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मेडिकल जर्नल , जर्नल न्यूरोलॉजी के ऑनलाइन संस्करण में वैज्ञानिकों ने 62 के साथ 32000 लोगों में स्ट्रोक के जोखिम को परखा।



​8 घंटे से ज्यादा सोने वालों में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा
​8 घंटे से ज्यादा सोने वालों में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा

अध्ययन के अनुसार, जो लोग हर रात 9 घंटे से ज्यादा सोते थे, उनमें हर रात 8 घंटे से कम सोने वालों की तुलना में स्ट्रोक का खतरा 23 प्रतिशत ज्यादा था। इसके अलावा जो लोग दिन के बीच में कम से कम 90 मिनट की झपकी ली, उनमें स्ट्रोक होने की संभावना उन लोगों के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा थी, जो 30 मिनट से कम की झपकी लेते थे।



​खराब नींद वाले लोगों में स्ट्रोक का रिस्क 82 फीसदी ज्यादा
​खराब नींद वाले लोगों में स्ट्रोक का रिस्क 82 फीसदी ज्यादा

जो लोग ज्यादा समय तक सोने के बावजूद भी खराब नींद की शिकायत करते हें, उनमें स्ट्रोक का 82 प्रतिशत रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे लोगों में स्ट्रोक के बाद भी नींद की समस्या लगातार बनी रहती है। आधे से ज्यादा बचे लोगों को आने वाले महीनों में सोने में परेशनी का सामना करना ही पड़ता है, जो लंबे समय तक उदासी और याददाश्त से जुड़े मुद्दों का कारण बन सकता है।



​ज्यादा नींद से स्ट्रोक की संभावना कैसी बढ़ती है
​ज्यादा नींद से स्ट्रोक की संभावना कैसी बढ़ती है

8 घंटे से ज्यादा की नींद स्ट्रोक से कैसे जुड़ी है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह देखा गया है कि जो लोग बहुत ज्यादा सोते हैं, उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है। इससे आगे चलकर वजन बढ़ने और स्ट्रोक की संभावना भी अक्सर बनी रहती है।

डॉक्टर्स का मानना है कि एक स्वस्थ आहार और जीवनशैली के विकल्प 80 प्रतिशत स्ट्रोक जोखिम से बचने में मदद कर सकते हैं। इसलिए चलते रहें, जंक फूड का सेवन कम करें, धूम्रपान से बचें । बेहतर जीवन जीने और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए अपने ब्लड प्रेशर, शुगर और वजन की निगरानी करना भी उतना ही जरूरी है।





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