Paytm सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कैसे तय किया 10 रुपये प्रतिमाह से अरबपति बनने का सफर

नई दिल्ली। आज के समय में के सीईओ विजय शेखर शर्मा अरबपति हैं, लेकिन जब वह 27 साल के था तो उस वक्त महज 10 हजार रुपये प्रति माह का मामूली वेतन पाते थे। 2010 में डिजिटल पेमेंट कंपनी Paytm की स्थापना करने वाले विजय शेखर शर्मा ने रॉयटर्स को बताया कि 2004-05 में उनके पिता उनसे अपनी कंपनी बंद करने और 30 हजार रुपये की नौकरी करने के लिए कहा। उस समय वह एक प्रशिक्षित इंजीनियर के तौर पर छोटी कंपनी के जरिए मोबाइल कंटेंट बेचते थे। शर्मा ने कहा कि शादी के लिए अधिकतर परिवार उन्हें मना कर देते थे, क्योंकि वह हर महीने सिर्फ 10 हजार रुपये कमाते हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार में अनएलिजिबल बैचलर बन गए थे। आपको बता दें कि बीते सप्ताह 43 वर्षीय शर्मा ने Paytm के 2.5 बिलियन डॉलर भारतीय करेंसी के हिसाब से करीबन 18,515 करोड़ रुपये आईपीओ का नेतृत्व किया। फिनटेक फर्म एक नए भारत की पहचान बनी है। अब देश के स्टार्टअप्स की फर्स्ट जनरेशन शेयर मार्केट में शानदार शुरुआत कर रही है और नए करोड़पति बना रही है। शर्मा का जन्म भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के एक छोटे से शहर में एक स्कूल अध्यापक पिता के घर में हुआ, उनकी मां एक गृहिणी हैं। शर्मा 2017 में भारत के सबसे कम उम्र के अरबपति बने थे। शर्मा आज भी सड़क किनारे गाड़ी में चाय पीना पसंद करते हैं। वह सुबह अक्सर दूध और ब्रेड खरीदने के लिए सैर करके जाते हैं। 2015 में चीन के Ant ग्रुप ने पहली बार Paytm में निवेश किया था। उस वक्त की बात करते हुए शर्मा ने कहा कि 'लंबे समय तक मेरे माता-पिता को नहीं पता था कि उनका बेटा क्या कर रहा है।' 'एक बार मेरी मां ने हिन्दी न्यूज पेपर में मेरी नेटवर्थ के बारे में पढ़ा और फिर मुझसे पूछा कि 'विजय क्या तुम्हारे पास सचमुच में उतना पैसा है, जितना ये कह रहे हैं?' Forbes ने शर्मा की कुल संपत्ति 2.4 अरब डॉलर यानी कि करीब 17,775 करोड़ रुपये बताई है। Paytm ने एक दशक पहले अपनी शुरुआत एक मोबाइल रिचार्ज कंपनी के तौर पर की थी। वहीं Uber द्वारा भारत में इसे क्विक पेमेंट ऑप्शन के तौर पर लिस्टेड करने के बाद तेजी से इसका उपयोग बढ़ा। मगर इसको असली उड़ान 2016 में नोटबंदी के बाद से मिली, तब देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया गया था।