प्रेग्नेंसी के बाद पूरा फिगर हो चुका था खराब, रोजाना पैदल चलकर इस महिला ने घटा लिया 30 Kg वजन

यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली ज्योति का वजन 90 किलो तक पहुंच गया था। लेकिन उन्होंने रोजाना 10 किमी से ज्यादा पैदल चलकर मात्र 6 महीने में 30 किलो वजन घटा लिया और पहले की तरह स्लिम फिट हो गईं।

ज्यादातर महिलाओं की तरह ज्योति सतीश थोर्वे ने भी 2018 में बच्चे को जन्म देने के बाद काफी वजन बढ़ा लिया था। गर्भावस्था के बाद उन्होंने शेप में आने की बहुत कोशिश की और अपने लिए समय निकालने के लिए काफी संघर्ष भी किया, लेकिन वह अपने सभी प्रयासों में फेल हो गईं। 2021 तक वह ओवरवेट रहीं। यूनाइटेड किंगडम में शिफ्ट होने के बाद उन्हें फिट रहने का मूल्य समझ आया।
उनके आसपास रहने वाले लोग अपनी फिटनेस के प्रति इतने जागरूक थे, कि इन सभी ने उन्हें वेटलॉस के लिए मोटिवेट किया। सही डाइट और वर्कआउट के साथ उन्होंने मात्र 6 महीने में 30 किलो वजन घटा लिया। ज्योति की वेटलॉस जर्नी उन सभी महिलाओं के लिए एक इंस्पीरेशन है, जो गर्भावस्था के बाद वजन कम करने में असफल हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं 90 किलो से 60 किलो तक आने के लिए ज्योति ने कौन-कौन से प्रयास किए और कैसे सफल हुईं।
नाम- ज्योति सतीश थोर्वे
व्यवसाय- हाउसवाइफ
उम्र- 30 साल
शहर- एबरडीन, यूके
सबसे ज्यादा दर्ज किया वजन- 90 किग्रा
वजन कम करने में लगने वाला समय- 6 महीने
कम किया वजन- 30 किग्रा
(Image Credit: TOI)
टर्निंग पॉइंट कब आया

ज्योति बताती हैं कि सन 2018 में मेरी प्रेग्नेंसी के बाद मेरा वजन बढ़ गया था। बच्चे के साथ मैं खुद को समय नहीं दे पाई और 2021 तक मेरा वजन बढ़कर 90 किलो तक पहुंच गया । इसी साल हम यूके शिप्ट हुए। मैंने देखा कि यहां के लोग काफी हेल्दी और फिट हैं। ज्यादातर लोग यहां आउटडोर एक्टिविटीज जैसे हाइकिंग, पहाड़ों में साइकिलिंग और सर्फिंग करना पसंद करते हैं और खूब पैदल भी चलते हैं। अपने बढ़े हुए वजन के कारण मैं इनमें से कोई भी एक्टिविटी करने योग्य नहीं थी। यही मेरे फिट होने और वजन कम करने वाला महत्वपूर्ण टर्निंग पॉइंट था।
कैसी रही डाइट

सुबह का नाश्ता-
काजू और बादाम के साथ 1 गिलास प्रोटीन शेक
दोपहर के खाने में-
2 रोटी या 1 बाजरा भाकरी 2 कप दाल के साथ या फिर 1 कप सब्जी का सूप। साथ में ढेर सलाद और छाछ।
रात का खाना-
या तो सलाद के साथ सोया चाप या फिर सलाद के साथ प्रोटीन शेक ।
प्री-वर्कआउट मील-
नींबू और अदरक के साथ 1 गिलास
।
पोस्ट वर्कआउट मील-
1 गिलास प्रोटीन शेक
लो कैलोरी रेसिपी-
सोया चाप, फ्राई मूंग दाल का चीला, प्रोटीन शेक
ओवरवेट होने के दौरान किन परेशानियों का सामना करना पड़ा

ज्योति के अनुसार, ओवरवेट होने के कारण मैं वो सब नहीं कर पा रही थी, जो मेरे दोस्त कर रहे थे। बढ़े हुए वजन ने मुझे इंडोर एक्टिविटीज तक ही सीमित कर दिया था।
वर्कआउट रिजाइम

ज्योति बताती हैं कि मैं हर सुबह और शाम 6 किमी प्रति घंटे की गति से 7 किलोमीटर पैदल चलती थी। चलने के बाद मैंने सुबह और शाम दोनों समय 30 मिनट के नॉर्मल
किए। मेरे वर्कआउट रिजाइम में सिट अप्स, क्रंचेस, प्लैंक्स,
जैसी एक्सरसाइज शामिल रहीं। मैंने हर 5 रेप्स के साथ शुरूआत की और कुछ महीनों में इसे बढ़ाकर 30 रेप्स तक ले गई।
फिटनेस सीक्रेट

ज्योति बताती हैं कि वेटलॉस के दौरान मैंने महसूस किया कि निरंतरता बहुत जरूरी है। मैं रोजाना बहुत पैदल चलती थी। एक दिन में 10 किमी से ज्यादा चली, जिससे मुझे वजन कम करने में बहुत मदद मिली।
मोटिवेट कैसे रहीं

ज्योति बताती हैं कि अब मैं अपने दोस्तों के साथ कई आउटडोर एक्टिविटीज में हिस्सा लेती हूं। जिनमें लंबी पैदल यात्रा , साइकिल चलाना, तैराकी शामिल है। इन्हीं सब चीजों ने मुझे बहुत मोटिवेट किया है।
वजन घटाने से क्या सीख मिली

ज्योति कहती हैं कि वजन घटाना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है। वेटलॉस जर्नी के दौरान आप सबसे अच्छी मेमोरीज बनाते हैं। इस दौरान आप ज्यादा एनर्जेटिक होते हैं और ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटीज में हिस्सा ले सकते हैं। वजन कम होगा, तो अपने बच्चे के साथ खेलने की ऊर्जा भी आपमें बनी रहेगी।
अंग्रेजी में इस स्टोरी को पढ़ने के लिए
डिस्क्लेमर : लेखक के लिए जो चीजें काम आईं जरूरी नहीं है कि आपके लिए भी काम करें। तो इस लेख में बताई गई डाइट-वर्कआउट को आंख मूंदकर फॉलो करने से बचें और पता करें कि आपके शरीर के लिए सबसे अच्छा क्या काम करता है।
यदि आपके पास भी ऐसी ही वेट लॉस से जुड़ी अपनी कहानी है, तो हमें nbtlifestyle@timesinternet.in पर भेजें।
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