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इन 5 घरेलू उपायों से साइनस का होगा अब जड़ से इलाज, बंद नाक खुल जाएगी तुरंत

Sinus ka ilaj gharelu ilaj: ऐसी एक धारणा है कि साइनोसाइटिस की समस्या केवल साधारण जुकाम ही है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल साइनस हमारे माथे और नाक की हड्डी के पीछे की तरफ, हवा से भरी एक जगह होती है। यह हमारे मस्तिष्क को न केवल हल्का करती है, बल्कि आवाज को भी बेहतर करती है। इसके अलावा साइनस का मुख्य कार्य नाक को मॉइस्चराइज करने का होता है और यह शरीर में कीटाणु और सूक्ष्मजीवों के प्रवेश को रोकती है। लेकिन जब साइनस का रास्ता रूक जाता है और उपचार के तीन महीने बाद तक भी स्थिति नहीं बदलती, तो यह साइनोसाइटिस की समस्या बन जाती है। जिसकी वजह से न केवल नाक से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। बल्कि इसकी वजह से या तो नाक हर समय बहती रहती है या फिर नाक भरी रहती है। यही नहीं साइनोसाइटिस की स्थिति गले की दिक्कत भी पैदा कर सकता है और आंख के आस पास भी सूजन आ सकती है।

क्या आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो साइनस की समस्या से परेशान हैं। अगर हां तो हमारा यह लेख उनके लिए बहुत जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे 5 ऐसे घरेलू तरीके जिनके जरिए आप साइनस जैसी समस्या से राहत पा सकते हैं।


Sinusitis Home Remedies: इन 5 घरेलू उपायों से साइनस का होगा अब जड़ से इलाज, बंद नाक खुल जाएगी तुरंत

Sinus ka ilaj gharelu ilaj: ऐसी एक धारणा है कि साइनोसाइटिस की समस्या केवल साधारण जुकाम ही है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल साइनस हमारे माथे और नाक की हड्डी के पीछे की तरफ, हवा से भरी एक जगह होती है। यह हमारे मस्तिष्क को न केवल हल्का करती है, बल्कि आवाज को भी बेहतर करती है। इसके अलावा साइनस का मुख्य कार्य नाक को मॉइस्चराइज करने का होता है और यह शरीर में कीटाणु और सूक्ष्मजीवों के प्रवेश को रोकती है।

लेकिन जब साइनस का रास्ता रूक जाता है और उपचार के तीन महीने बाद तक भी स्थिति नहीं बदलती, तो यह साइनोसाइटिस की समस्या बन जाती है। जिसकी वजह से न केवल नाक से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। बल्कि इसकी वजह से या तो नाक हर समय बहती रहती है या फिर नाक भरी रहती है। यही नहीं साइनोसाइटिस की स्थिति गले की दिक्कत भी पैदा कर सकता है और आंख के आस पास भी सूजन आ सकती है।



जल नेति टेक्निक इस्‍तेमाल करें
जल नेति टेक्निक इस्‍तेमाल करें

योग और भारतीय आयुर्वेद के प्राचीन चिकित्सकों ने एक ऐसी तकनीक को इजाद किया है जो

साइनस के मरीजों के लिए

किसी वरदान से कम नहीं है। आपको बता दें कि हठयोग प्रदीपिका में जल नीति छह शुद्धिकरण तकनीकों में से एक है, जिसे षट्कर्म कहा जाता है। ज्ञात हो कि यह वाटर क्लीनिंग का एक संस्कृत शब्द है।

आप शायद न जानते हों इसलिए बता दें कि नैसेल कंजेशन और इरिटेशन से राहत पाने के लिए इरिगेशन एक बेहतरीन टेक्निक है। इस टेक्निक में सैलाइन सॉल्यूशन के जरिए नेजल पैसेज को साफ किया जाता है। आप यह किसी बोतल या नीति पोट के जरिए कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे इसके उपयोग से पहले और बाद में इन्हें साफ जरूर करे। इसके अलावा उबला हुआ पानी ठंडा होने के बाद ही इस्तेमाल में ले और बिना स्टरलाइज किए नल के पानी का उपयोग न करें। इस टेक्निक के लिए बाजार से सेलाइन वाटर खरीद सकते हैं, या फिर घर पर भी तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक चम्मच सी सॉल्ट और फिल्टर पानी एवं एक चुटकी बेकिंग सोडा की जरूरत होगी। इसे घोल कर मिला लें। इसके बाद इस्तेमाल में लें।



​खुद को हाइड्रेट रखें
​खुद को हाइड्रेट रखें

इस समस्या से राहत पाने के लिए कोशिश करें कि आप गर्म पेय पदार्थों या गर्म चीजों से परहेज न करें। इसके अलावा आप अपने घर में ह्यूमिडिफायर और वेपोराइजर का भी उपयोग कर सकते हैं। यह आपके आस पास नमी बनाए रखने काम करते हैं और नाक के अंदर रूखेपन से राहत दिलाते हैं। लेकिन ध्यान रहे ह्यूमिडिफायर पूरी तरह साफ हो यानी इसमें फंगस न लगी हो। आप घर में एक पोर्टेबल हुमिडिफिएर का उपयोग करें ताकि अन्य कमरों में भी इसे ले जाया जा सके।



​चिकन सूप पिएं
​चिकन सूप पिएं

जानकारों के मुताबिक

चिकन सूप

सर्द मौसम में बेहतर इम्युनिटी प्रदान कर सकता है। वहीं

हार्वर्ड के चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक

यह साइनोसाइटिस में लाभदायक है या नहीं इस पर अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि इससे जुड़े हुए कोई भी प्रमाण मौजूद नहीं है, जो इस बात को साबित करें कि चिकन सूप साइनोसाइटिस में फायदेमंद हो सकता है। हालांकि चिकन सूप में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री जैसे गाजर, प्याज, अजवाइन इसे पोषक तत्वों से समृद्ध करता है। चिकन सूप में विटामिन सी, विटामिन ए, जिंक और कई एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो आपकी साइनोसाइटिस की स्थिति में सुधार ला सकते हैं। वहीं इसे पीने के लिए आपको डॉक्टर की राय की जरूरत नहीं है।



​स्टीम लें
​स्टीम लें

आप जानते ही होंगे कि

स्टीम

लेने से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट साफ होता है यह कंजेशन से राहत दिलाता है। इसके अलावा आपको बता दें कि बलगम को पतला कर साइनस से भी आराम दिलाने का काम करता है। ऐसे में अगर आप भी साइनस से राहत चाहते हैं तो बाजार में मौजूद किसी स्टीम मशीन का उपयोग कर स्टीम ले सकते हैं। अगर स्टीम मशीन नहीं ले सकते तो आप एक कटोरे में पानी को उबालकर और सिर पर तौलिया डालकर भी स्टीम ले सकते हैं। इससे आपको बहुत राहत मिलेगी। ध्यान रहे कि स्टीम में कोई भी दवा मिलाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले।



​हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस
​हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस

साइनस

की स्थिति से राहत पाने के लिए आप चाहे तो ठंडे और गर्म सेक का उपयोग कर सकते हैं। इसमें आपको पहले तीन मिनट के लिए नाक, गाल और माथे पर हॉट कम्प्रेस रखना है। इसके बाद 30 सेकंड के लिए कोल्ड कम्प्रेस रखें। ऐसा करीब 10 से 15 मिनट तक करते रहें। साइनस से राहत पाने के लिए आप दिन में 4 से 6 बार दोहराए।





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