आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताए थाइरॉयड बीमारी के 5 सस्ते और असरदार आयुर्वेदिक उपचार
Thyroid ka ayurvedic upchar: थायराइड का जल्दी पता लगने से जोखिम कम हो जाता है क्योंकि हेल्दी डाइट लेने और शरीर को उचित पोषण देकर इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेद में कुछ चीजें हैं जिनको खाने में शामिल करके थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है।
थायराइड (Thyroid)
एक आम समस्या है जो डायबिटीज की तरह तेजी से फैल रही है। दरअसल यह एक तितली के आकार की ग्रंथि है जो गर्दन के सामने होती है। यह अंग थायराइड हार्मोन का उत्पादन करता है जो शरीर के बेहतर कामकाज के लिए जरूरी है. जब यह हार्मोन का ज्यादा या कम उत्पादन करने लगता है, तो इससे समस्याएं हो सकती हैं जिनमें गोइटर, थायरॉइडाइटिस, हाइपरथायरायडिज्म, हाइपोथायरायडिज्म, ग्रेव्स डिजीज, थायरॉइड कैंसर, थायरॉइड नोड्यूल और थायरॉइड स्टॉर्म आदि शामिल हैं।
(Thyroid Symptoms
) इसकी जटिलता पर निर्भर करते हैं। हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) में ग्रंथि थायराइड हार्मोन का पर्याप्त उत्पादन नहीं हो पाता है। इससे व्यक्ति में अचानक वजन बढ़ने जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, पैरों में सूजन और ऐंठन, कब्ज, चेहरे और आंखों में सूजन, अनियमित मासिक धर्म, खुरदरी और शुष्क त्वचा, कर्कश और भारी आवाज और अवसाद भी होता है।
(
Hyperthyroidism)
में थायराइड हार्मोन का अधिक उत्पादन होने लगता है जिससे पीड़ित में अचानक वजन बढ़ना, भूख में वृद्धि, गर्मी सहन करने में असमर्थता, अत्यधिक पसीना, मांसपेशियों में कमजोरी, दिल की धड़कन में वृद्धि, नींद की कमी, मासिक स्राव में वृद्धि जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। थायराइड का जल्दी पता लगने से जोखिम कम हो जाता है क्योंकि हेल्दी डाइट लेने और शरीर को उचित पोषण देकर इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
जीवा आयुर्वेद (Jiva Ayurveda) के डायरेक्टर डॉ प्रताप चौहान
आपको बता रहे हैं कि आयुर्वेद में थायराइड का क्या इलाज है।
थायराइड में इन चीजों से करें परहेज
डॉक्टर चौहान के अनुसार,
थायराइड के मरीजों को कच्ची सब्जियां, विशेष रूप से फूलगोभी, केल, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और ब्रोकली खाने से बचना चाहिए। इससे उनकी हालत और ज्यादा गंभीर हो सकती है।
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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
आयुर्वेद में थायराइड का इलाज
डॉक्टर चौहान के अनुसार,
में कुछ चीजें हैं जिनको खाने में शामिल करके थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है। जलकुंभी और सहजन दो ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जो शरीर में आयोडीन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा धनिया और जीरक सिद्ध जाला (jeerak siddha jala) जैसे बूटियां सूजन को बेहतर तरीके से ठीक करने में मदद कर सकती हैं। अदरक थायराइड का एक बेहतर आयुर्वेदिक इलाज है। यह थायराइड के कामकाज में सुधार करने की क्षमता रखता है। बेहतर परिणाम के लिए अदरक को पानी में उबालकर चाय की तरह पिएं।
विटामिन डी भी है जरूरी
शरीर में विटामिन डी की कमी से थायराइड की समस्या बढ़ सकती है। सुबह जल्दी धूप में निकलना इस कमी को दूर करने का एक अच्छा तरीका है। आउटडोर एक्सरसाइज से भी थायराइड ग्रंथियां उत्तेजित होती हैं। इससे इम्यून सिस्टम को बढ़ावा मिलता है और कैल्शियम चयापचय को नियंत्रित करता है।
चीनी के अधिक सेवन से बचें
डॉक्टर ने बताया है कि थायराइड में सभी प्रकार की प्रसंस्कृत चीनी के सेवन से बचना चाहिए। चीनी का अधिक सेवन करने से हालत ज्यादा खराब हो सकती है और इससे
का भी खतरा बढ़ सकता है।
विटामिन ए वाली चीजों का करें सेवन
डॉक्टर का कहना है कि थायराइड होने पर आपको विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं, जैसे ब्रोकली, पालक, और ज्यादातर गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियां, साथ ही सेब और केले जैसे फल खाने चाहिए।
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