मसूड़ों में खून, दांतों का पीलापन और दर्द से तुरंत राहत देंगे 5 आयुर्वेदिक घरेलू उपाय
Bleeding gums ka ayurvedic ilaj: आयुर्वेद के अनुसार मसूढ़ों से खून आना और दर्द होना जैसी समस्याओं का मुख्य कारण शरीर में पित्त दोष का खराब होना है। जब लीवर निष्क्रिय अवस्था में होता है, तो शरीर में सामान रूप से मौजूद पित्त दोष एक ही दिशा की ओर बढ़ने लगते हैं, जिससे अतिरिक्त पित्त जमा हो जाता है।
दांतों में दर्द (Toothache), मसूड़ों में खून आना (Bleeding Gums), दांतों में पीलापन (Yellow Teeth) कुछ ऐसी आम समस्याएं हैं जिनसे आजकल बहुत से लोग खासकर बच्चे परेशान रहते हैं। जाहिर है दांत और मसूड़ों से जुड़ी कोई भी समस्या आपके लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकती हैं। इतना है नहीं, इस तरह की समस्याओं के कारण आपका खाना-पीना तक दुश्वार हो सकता है। दांतों के रोगों के लिए मेडिकल कई उपचार मौजूद हैं लेकिन इसके लिए आप आयुर्वेदिक इलाज भी आजमा सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, मसूड़ों से खून
आना और दर्द होना जैसी समस्याओं का मुख्य कारण शरीर में पित्त दोष का खराब होना है। जब लीवर निष्क्रिय अवस्था में होता है, तो शरीर में सामान रूप से मौजूद पित्त दोष एक ही दिशा की ओर बढ़ने लगते हैं, जिससे अतिरिक्त पित्त जमा हो जाता है। जब मुंह में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है, तो मसूड़े यहां मौजूद रक्त वाहिकाओं में खून को संभाल नहीं पाते हैं। यही वजह है कि मुंह से खून और बदबू आने लगती हैं। कुछ मामलों में यह कफ दोषों को भी बढ़ा सकता है जिससे दांतों और मसूड़ों में बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है।
वैसे देखा जाए तो मसूड़ों में खून आने और दर्द की वजह मुंह की सफाई पर ध्यान नहीं देना, ट्रेंच माउथ, पीरियोडोंटाइटिस, मसूड़ों की बीमारी,
, खराब तरीके से फिट किए गए डेन्चर, हार्मोनल असंतुलन, ड्राई माउथ, विटामिन की कमी, तंबाकू की लत और कुछ अंतर्निहित रोग हो सकती हैं। इनसे आपको ब्रश करने या थूकने के दौरान खून आना, मसूड़ों से मवाद निकलना, सांसों की बदबू, दर्दनाक सूजन, दांतों में ढीलापन और खाने-पीने में परेशानी पैदा हो सकती है। इन समस्याओं से बचने के लिए आपको नीचे बताए गए आयुर्वेदिक उपाय आजमाने चाहिए।
अमरूद के पत्ते
अमरूद के पत्तों में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। दांतों की समस्या से राहत पाने के यह सस्ता और असरदार उपाय है।
आपको मसूड़ों की सूजन, मसूड़ों से खून आना, दांतों का पीलापन और दर्द से राहत दिला सकते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए बस कुछ पत्तों को पानी में उबाल लें और इससे कुल्ला करें। इसके अलावा पत्तियों का पेस्ट बनाकर मसूड़ों पर लगाएं।
हल्दी
हल्दी सभी संक्रामक रोगों के लिए एक बेहतर हर्बल उपचार है। इसमें मौजूद करक्यूमिन, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण न केवल मसूड़ों से खून का इलाज करते हैं, बल्कि घाव भरने और मसूड़ों की सूजन भी कम करते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए एक चुटकी हल्दी सीधे मसूढ़ों पर लगाएं। मसूड़ों से खून की समस्या का इलाज करने के लिए प्रभावित हिस्से पर लगभग एक मिनट तक मालिश करें।
त्रिफला
तीन महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का एक मिश्रण है, जो आमलकी, हरीतकी और बिभीतकी हैं। इस हर्बल पाउडर में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मसूड़ों की बीमारियों के इलाज में सहायक हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर दिन में 3-4 बार गरारे करें। इससे आपको मसूढ़ों से खून आना और दांतों की अन्य समस्याओं से राहत मिल सकती है।
मुलेठी
में बायोएक्टिव घटक लाइकोरिसिडाइन होते हैं, जो मुंह में कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया के विकास को रोकने में बेहद फायदेमंद होते हैं। यह न केवल मसूड़ों से खून बहने और मामूली घावों को ठीक करने में मदद करता है बल्कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में स्राव में सुधार करके मुंह को साफ करने, लार को बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके लिए आप मुलेठी की जड़ के पाउडर से ब्रश करें।
लौंग का तेल
लौंग के तेल में बायोएक्टिव घटक यूजेनॉल होता है जोकि इसका एक मजबूत रोगाणुनाशक गुण है। यह तेल मसूड़ों से खून आना, दांत दर्द, मसूड़े की सूजन, मुंह के छाले, मसूढ़ों की सूजन आदि के इलाज में सहायक है। इसके सुगंधित गुणों के कारण, यह सांसों की दुर्गंध को रोकने में भी फायदेमंद है। रुई के एक छोटे टुकड़े को लौंग के तेल में डुबोएं और दर्द और
के लिए इसे पूरे मसूड़ों पर लगाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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