अब डराने आया 'ओमीक्रोन का भाई' BA.2 वेरिएंट, जानिए कितना खतरनाक है यह वायरस
Omicron ka naya variant: ओमीक्रोन पूरे उफान पर है और दूर-दूर तक इसके कम होने की कोई आस नजर नहीं आ रही है। इस बीच ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट (Omicron subvariant) बीए.2 ( BA.2) का पता चला है, जिससे एक बार फिर खतरे की घंटी बज गई है।
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic)
ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. कोरोना के
ओमीक्रोन वेरिएंट (Omicron variant)
ने सबसे ज्यादा बुरा हाल किया हुआ है। इन दिनों ओमीक्रोन पूरे उफान पर है और दूर-दूर तक इसके कम होने की कोई आस नजर नहीं आ रही है। इस बीच ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट (Omicron subvariant)
बीए.2 ( BA.2)
का पता चला है, जिससे एक बार फिर खतरे की घंटी बज गई है।
ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों ने
के इस सब-वेरिएंट से जुड़े सैकड़ों मामलों की पहचान की है।
यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA)
ने इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए जांच के बाद इसका नाम बीए.2 रखा है। बताया जा रहा है कि जनवरी के पहले दस दिनों में ब्रिटेन में इस वेरिएंट के 400 से अधिक मामलों की पहचान की गई है। एक ऑनलाइन न्यूज मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ओमीक्रोन सब-वेरिएंट के 530, स्वीडन में 181 और सिंगापुर में 127 सैंपल मिले हैं।
सब-वेरिएंट वायरस कितनी तेजी से बढ़ सकता है, इसे लेकर स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि इसकी ग्रोथ रेट अभी कम है लेकिन इसके लिए आगे के विश्लेषण की आवश्यकता है। चलिए जानते हैं कि ओमीक्रोन का यह सब-वेरिएंट कितना खतरनाक है।
क्या BA.2 वेरिएंट ओमीक्रोन से ज्यादा खतरनाक है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
ने
वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया है। यह माना जा रहा है कि इसका सब-वेरिएंट बीए.2 भी इसके टक्कर का है यानी अभी इनके बीच कोई खास अंतर नहीं है। हालांकि, वैज्ञानिक यह निर्धारित करने के लिए इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं कि यह भविष्य में महामारी के प्रसार को कैसे प्रभावित कर सकता है।
कुछ वैज्ञानिक बता रहे हैं खतरनाक
UKHSA में कोविड-19 इंसीडेंट डायरेक्टर डॉक्टर मीरा चंद
ने कहा कि वायरस की प्रकृति विकसित और उत्परिवर्तित होती है, इसलिए महामारी के चलते नए वेरिएंट के उभरने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्धारित करने के लिए अपर्याप्त सबूत हैं कि बीए.2
बीए.1 की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है। इधर
फ्रांसीसी महामारी विज्ञानी एंटोनी फ्लेहॉल्ट ने डेनमार्क
में बताया कि ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट ने जिस तेजी से पकड़ बनाई है, उसने सबको चिंता में डाल दिया है।
Unfortunatley this is really where the evidence mostly ends - we do not currently have a strong handle on antigenic… https://t.co/34UfVoQWsT
— Tom Peacock (@PeacockFlu) 1642592992000
ओमीक्रोन को दे सकता है टक्करइंपीरियल कॉलेज, लंदन के एक वायरोलॉजिस्ट टॉम पीकॉक
ने बताया कि भारत और डेनमार्क के बहुत शुरुआती अवलोकनों से पता चलता है कि इस नए सब-वेरिएंट और मौजूदा
के बीच कोई खास अंतर नहीं है। इसका मतलब है कि इन दोनों का असर एक जैसा है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि इसके बारे में अभी पर्याप्त सबूत नहीं है लेकिन अनुमान के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है।
ओमीक्रोन बीए.2 के खिलाफ टीका कितना असरदार
टॉम पीकॉक ने बताया कि बीए.1 और बीए.2 के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता में न्यूनतम अंतर होने की संभावना है। व्यक्तिगत रूप से, मुझे यकीन नहीं है कि बीए.2
की वर्तमान लहर पर पर्याप्त प्रभाव डालने वाला है।
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