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पीएचडी छात्रा के साथ रेप की कोशिश करने वाला शख्स गिरफ्तार

नई दिल्ली: जेएनयू कैंपस में 17 जनवरी की रात को पीएचडी छात्रा के साथ रेप की कोशिश मामले () में पुलिस ने आखिरकार आरोपी को पकड़ लिया है। इसकी पहचान अक्षय दोलई (27) के रूप में हुई है। यह मूलरूप से 24 परगना पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। यह यहां मुनिरका में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता है। साउथ-वेस्ट पुलिस ने इसके पास से वारदात में इस्तेमाल स्कूटर, छात्रा से छीना गया मोबाइल और उस दिन पहने गए कपड़े बरामद कर लिए हैं। वारदात की पात नशे में था आरोपी साउथ-वेस्ट दिल्ली (South-West Delhi) के डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि, आरोपी मुनिरका में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रह रहा है। वह 2011 में दिल्ली आया था। वारदात की रात वह नशे में था। यह भीकाजी कामा प्लेस की एक दुकान पर मोबाइल रिपेयरिंग और सिम कार्ड बेचने का काम करता है। पूछताछ में इसने बताया कि, वारदात के दिन सुबह इसका इसकी पत्नी से झगड़ा हो गया था। पत्नी नाराज होकर मायके चली गई थी। बताया जाता है कि इसने लव मैरिज की थी। उसी दिन शाम को इसने दुकान के मालिक के साथ ड्रिंक की थी। मालिक के जाने के बाद इसने और ड्रिंक की। फिर यह जेएनयू चला गया। यह जेएनयू आता-जाता रहता था। हर रोज जेएनयू टिकटिंग काउंटर में आता था आरोपी 2015 तक इसने टिकट बुकिंग रिजवर्शेन का काम किया। इस नाते इसका जेएनयू टिकटिंग काउंटर पर लगभग हर रोज आनाजाना लगा रहता था। उस रात यह सफेद रंग के स्कूटर से जेएनयू पहुंचा था। वहां इसने तीन लड़कियों को जेएनयू गेट से अंदर जाते देखा। यह नशे में था। इसने उनका पीछा किया और जेएनयू के अंदर चला गया। सभी लड़कियां अपने हॉस्टल में चली गईं। फिर इसने एडमिन ब्लॉक रोड पर घूमना शुरू कर दिया। उसी वक्त पीएचडी की छात्रा वहां सैर करते हुए आई। अकेली लड़की को देखकर इसने साइड में स्कूटर खड़ा कर लिया। लड़की की ताक में निशाना लगाए कोने में खड़ा रहा। यह देखना चाह रहा था कि, लड़की दौड़ते हुए कहां जाएगी। देखा कि वह ईस्ट गेट की ओर मुड़ गई है। जो सुनसान जगह है। फिर इसने छात्रा का पीछा किया। छात्रा ने सोचा कि यह रास्ता भूल गया है। लड़की ने इसकी मदद करनी चाही, लेकिन इसने छात्रा के साथ रेप की कोशिश की। हाथापाई के दौरान आरोपी के पैर में भी चोट लगी। छात्रा ने फोन से पुलिस कॉल करने की कोशिश की तो इसने उनका फोन छीना और स्कूटर लेकर भाग गया। उस वक्त टीम के पास कोई क्लू नहीं था। चुनौती कई सारी थी। गेट पर टू वीलर की कोई एंट्री रजिस्टर में नहीं थी। दूसरी सीसीटीवी फुटेज निकालने की कोशिश की गई, तो उनमें पिक्चर साफ नहीं थी। इधर, जेएनयू स्टूडेंट प्रदर्शन करने लगे। डीसीपी ने क्या कहा डीसीपी ने बताया कि, वह खुद चार साल तक जेएनयू से पढ़े हैं। उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक मामला सुलझा नहीं लिया जाता तब तक हम सोएंगे नहीं। आरोपी को पकड़ने के लिए एक हजार से अधिक कैमरे खंगाले गए। पूरे रूट को देखा गया। तब जाकर यह जानकारी निकलकर आई। वारदात के बाद आरोपी हड़बड़ाकर स्कूटर से जेएनयू के नॉर्थ गेट से नहीं बल्कि वेस्ट गेट से बाहर निकला। इसके बाद यह लेफ्ट मुड़ा। फिर नेलसन मंडेला मार्ग से निकला। यह सड़क रात के वक्त सुनसान रहती है। पिकेट देखकर यह वहां तीन मिनट रुका। वहां से इसने रॉन्ग साइड से कट लेकर डीसीपी ऑफिस के आगे से निकला। फिर राइट होकर रिंग रोड से निकलते हुए घर पहुंचा। रविवार दिन में यह टीम के सामने अपने घर पहुंचा। तभी पहले से ट्रैप लगाकर खड़ी पुलिस टीम ने इसे पकड़ लिया। डीसीपी ने बताया कि जेएनयू गेट पर टू वीलर की रजिस्टर में एंट्री नहीं की जाती। फूड डिलिवरी करने वालों और कार वालों की एंट्री होती है। इसका इसने फायदा उठाया।


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