रिपोर्ट में खुलासा, कोरोना मरीज के लिंग में हो रहा था गंभीर दर्द, पेल्विक हिस्से में बन गया था क्लॉट

Corona ke side effects: पिछले सालों में कोरोना के कई दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं। कोरोना न केवल श्वसन संबंधी लक्षणों का कारण बनता है, बल्कि रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति को भी बढ़ाता है। इससे कई मामलों में मौत भी हो जाती है। पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से खून के थक्के जमने के बहुत से मामले देखे गए हैं।

कोरोना वायरस
ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। ओमीक्रोन की वजह से कोरोना की तीसरी लहर आ गई है। यह वायरस तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। हालांकि इसके लक्षण गंभीर नहीं बताए जा रहे। कोरोना वायरस कई तरीके से सामान्य जीवन को प्रभावित कर रहा है। संक्रमित होकर ठीक हुए लोग भी दोबारा कोरोना का शिकार हो रहे हैं। इसके लक्षण ठीक होने के महीनों बाद तक पीछा नहीं छोड़ रहे हैं।
पिछले सालों में
के कई दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं। कोरोना न केवल श्वसन संबंधी लक्षणों का कारण बनता है, बल्कि रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति को भी बढ़ाता है। इससे कई मामलों में मौत भी हो जाती है। पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से खून के थक्के जमने के बहुत से मामले देखे गए हैं। खून के थक्के जमने का एक ऐसा ही मामला ईरान से सामने आया है, जिसने मेडिकल एक्सपर्ट्स को चिंता में डाल दिया।
डॉक्टरों ने एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा
कि ईरान के एक 41 वर्षीय व्यक्ति को कोविड-19 के कारण लिंग में खून का थक्का यानी
ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting)
का सामना करना पड़ा। इस दुर्लभ दुष्प्रभाव के कारण उसे लिंग में तेज दर्द का सामना करना पड़ा। इस विवाहित व्यक्ति को यौन संबंध के दौरान इरेक्शन के बाद तीन दिनों तक पेनाइल पेन (penile pain) में भयंकर दर्द रहा। पेनाइल पेन पेल्विक हिस्से में होता है। यह रिपोर्ट मेडिकल जर्नल क्लिनिकल में प्रकाशित हुई है। चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामल।
टेस्ट कराने पर लिंग में मिला खून का थक्का

रिपोर्ट के अनुसार, जब इस व्यक्ति का दर्द हद से ज्यादा बढ़ने लगा, तो उसने ईरान में एक मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श किया। डॉक्टर ने उसे कुछ टेस्ट कराने की सलाह दी। टेस्ट की रिपोर्ट में ईरानी टीम ने बताया कि वायरस के कारण उसके लिंग वाले हिस्से में रक्त का थक्का जम गया था।
कुछ दिनों पहले हुआ था कोरोना पॉजिटिव

ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के एक्सपर्ट्स और रेडियोलॉजिस्ट सैयद मुर्तजा बघेरिक
ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि वो व्यक्ति असुविधा का सामना करने से तीन सप्ताह पहले
पॉजिटिव था। उसकी बीमारी में कुछ भी असामान्य नहीं था और उसे केवल हल्के लक्षण थे, जिनमें बुखार, खांसी और थकान शामिल थे। डॉक्टरों ने कहा कि उसने कोरोना के इलाज के लिए कोई दवा नहीं ली।
लिंग में थम गया था रक्त का प्रवाह

एक अस्पताल में किए गए परीक्षणों से पता चला कि उस आदमी के पेल्विक हिस्से की एक नस में रक्त का थक्का था। प्रभावित नस लिंग की पूरी लंबाई के साथ चलती है और अंग को ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है। लिंग के आधे रास्ते में एक
जमने के कारण अल्ट्रासाउंड ने नस में रक्त का प्रवाह होता नहीं दिखा।
इलाज से मिली राहत

डॉक्टरों ने उसे रक्त के थक्कों के इलाज और रोकथाम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रक्त को पतला करने वाली दवा रिवरोक्सैबन देना शुरू कर दिया। उपचार शुरू होने के दो महीने बाद रोगी के लक्षण पूरी तरह से गायब हो गए थे और उसे इरेक्शन और यौन गड़बड़ी के दौरान कोई दर्द नहीं था। हालांकि रक्त के थक्के के पास वाली जगह में थोड़ा दर्द का अनुभव हो रहा था।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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