कोरोना एक वायरस है... एस्पिरिन से ठीक हो जाता है मरीज? जानें क्या है इस वायरल दावे का सच
इन दिनों व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड हुआ मैसेज इस बात का दावा कर रहा है कि कोविड-19 वायरस नहीं, बल्कि एक बैक्टीरिया है और इसे एस्पिरिन दवा से ठीक किया जा सकता है। सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पोस्ट से लोगों को होशियार रहने के लिए कहा है।
हाल ही में कोविड-19 को लेकर एक ऐसी खबर आई है, जिससे दुनियाभर में खलबली मच गई है। व्हॉट्सएप पर एक मैसेज काफी वायरल हो रहा है, जिसमें कोविड-19 को वायरस नहीं बल्कि बैक्टीरिया होने का दावा किया जा रहा है। इतना ही नहीं, बल्कि यह भी कहा जा रहा है कि इसका इलाज एस्पिरिन से किया जा सकता है।
हालांकि,
सरकारी फैक्ट चैक एजेंसी PIB Fact Check
ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और ट्वीट करते हुए कहा है कि 'व्हाट्सएप पर एक नकली पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि सिंगापुर ने एक व्यक्ति का शव परीक्षण किया, जो कोविड-19 से मर गया और इस निष्कर्ष पर पहुंचा की यह सिर्फ एक बैक्टीरिया था और एस्पिरिन जैसे ड्रग से इसे ठीक किया जा सकता है'।
इतना ही नहीं व्हाट्सएप के इस मैसेज को घातक वायरस को ठीक करने वाले एस्पिरिन पर एक अध्ययन करने का दावा भी किया गया है। इस पूरे मामले पर PIB ने साफ कर दिया है कि एस्पिरिपन जैसी दवा कोविड-19 का इलाज नहीं है, क्योंकि एंटीकोआगुलंट्स के साथ वायरस का इलाज संभव नहीं है। सरकार की यह प्रतिक्रिया व्हाट्सएप पर फैले इस नकली पोस्ट के बाद आई है। सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस पोस्ट से लोगों को होशियार रहने के लिए कहा है। उसने साफ किया है कि वायरल हुआ पोस्ट बेबुनियाद और गलत जानकारी पर आधारित है। उसका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है।
A forwarded #WhatsApp message claims that #COVID19 is not a virus but a bacteria and it can be cured with anticoagu… https://t.co/rqUgEi0RYU
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) 1631013140000
झूठी है एस्पिरिन से कोरोनावायरस के इलाज की खबरपीआईबी के अनुसार, व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड हुई पोस्ट में दावा किया गया है कि सिंगापुर से एक अटॉप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि कोविड-19 एक वायरस नहीं बल्कि एक बैक्टीरिया है। संदेश में लिखा है कि - कोविड एक जीवाणु है, जो रेडिएशन के संपर्क में आया है और ब्लड क्लॉटिंग से मनुष्य की मौत का कारण बन रहा है।
PIB की Fact Check टीम
ने हाल ही में अपने ऑफिशियल KOO हैंडल पर पुष्टि की , कि एस्पिरिन के कोरोनावायरस के इलाज के बारे में व्हाट्सएप पर फैलाने की खूबर झूठी थी। इतना ही नहीं, वायरल पोस्ट में यह भी कहा गया है कि सिंगापुर सरकार के अधिकारियों ने शव परीक्षण के बाद ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल को बदल दिया है और कोविड-19 के शव का परीक्षण करने वाला दुनिया में पहला देश बन गया है।
यहां तक की सिंगापुर ने एस्पिरिन के साथ कोविड-19 का इलाज भी शुरू कर दिया है। हालांकि PIB फैक्ट चैक ने इस मैसेज की प्रमाणिकता से इंकार कर दिया है और लोगों से इस पर भरोसा न करने की गुजारिश की है।
लंबे समय से ट्रेंड में है यह मैसेज
जून 2021 में सिंगापुर की सरकार ने इस पर एक बयान जारी किया था। सरकार ने इस बयान में स्पष्ट किया कि - इस पोस्ट किया जा रहा दावा वैज्ञानिक तौर पर बेबुनियाद है। अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि 'हम वायरल हो रहे पोस्ट से वाकिफ हैं , जिसमें दावा किया जा रहा है कि कि
रोगी के शव परीक्षण के बाद सिंगापुर ने पाया कि कोविड-19 एक वायरस के रूप में नहीं, बल्कि यह बैक्टीरिया के रूप में मौजूद है , जो रेडिएशन के संपर्क में आया है और खून में जमा होने के कारण मौत की वजह बन रहा है'। ये सच नहीं है।
फॉरवर्ड हुई पोस्ट पूरी तरह से गलत
सिंगापुर ने इस तरह के शव का परीक्षण नहीं किया है। फॉरवर्ड हुई पोस्ट पूरी तरह से गलत है। बता दें कि इससे पहले भी इस तरह का एक दावा किया गया था, जिसमें सिंगापुर के बजाय रूस का जिक्र था। हालांकि इस पोस्ट का भंडाफोड़ हो चुका है।
सोशल मीडिया पर
, इसके प्रभाव और वैक्सीनेशन के संबंध में कई झूठी और भ्रमित करने वाली जानकारी फैलाई जा रही है। लेकिन सरकार समय पर कोविड-19 रोग नियंत्रण के लिए सही जानकारी डाल रही है। कोई भी सरकारी प्रोटोकॉल और रिपोर्ट ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर देख सकता है।
अंग्रेजी में इस स्टोरी को पढ़ने के लिए
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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