कोरोना के इलाज में कौन सी दवाएं असरदार हैं, देखें WHO से मंजूरी मिली दवाओं की पूरी लिस्ट

Corona ke ilaj ki dawa : कोरोना के इलाज में डब्ल्यूएचओ द्वारा सिफारिश की गई दवाओं को ही लेना चाहिए। संगठन ने माना है कि इन दवाओं में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत को कम करने के साथ मौत के जोखिम को कम करने की क्षमता है।
कोरोना वायरस
का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के आने के बाद नए दैनिक मामलों की संख्या आसमान छू रही है। भारत में कोरोना के रोजाना दो लाख के करीब मामले सामने आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स इसे कोरोना की तीसरी लहर मान रहे हैं और आने वाले कुछ दिनों में संक्रमितों और मरने वालों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिल सकता है।
का कोई स्थायी इलाज नहीं है। फिलहाल इससे बचने के दो तरीके हैं रोकथाम और एहतियात। कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना और उचित स्वच्छता का पालन करना जरूरी है। हालांकि पॉजिटिव होने के बाद लक्षणों के गंभीर होने पर दवाओं का उपयोग भी उतना ही आवश्यक है। देखा जा रहा है कि कोरोना जैसे लक्षण दिखने पर बहुत से लोग डॉक्टर की सलाह लिए बिना किसी भी दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं जोकि खतरनाक साबित हो सकता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO)
ने पिछले हफ्ते कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए दो नई दवाओं को मंजूरी दी है। इसके साथ,
के इलाज के लिए वैश्विक स्तर पर अब तक कई दवाओं को मंजूरी मिल चुकी है। कोरोना के इलाज में डब्ल्यूएचओ द्वारा सिफारिश की गई दवाओं को ही लेना चाहिए। संगठन ने माना है कि इन दवाओं में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत को कम करने के साथ मौत के जोखिम को कम करने की क्षमता है। चलिए जानते हैं कि आपको किन दवाओं को लेना चाहिए और किन दवाओं से बचना चाहिए।
टीकाकरण के साथ सही दवाएं लेना जरूरी

टीकाकरण को
के खिलाफ अब तक सबसे प्रभावी हथियार माना जाता है। हालांकि टीका लगवाने लोग भी संक्रमित हो रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ का यह भी कहना है कि
कई देशों में अभी भी टीकाकरण अभियान कमजोर है। ओमीक्रोन के मामले में देखा गया है कि यह टीका लगवा चुके लोगों को भी चपेट में ले रहा है। यही वजह है कि कोरोना के इलाज के रूप में टीके के साथ सही दवाएं लेना जरूरी है।
कोरोना के इलाज के लिए प्रभावी दवाएं

डब्ल्यूएचओ
ने
के लिए कई दवाओं को मंजूरी दी है। इन दवाओं में Baricitinib, Ruxolitinib और tofacitinib, Sotrovimab, Casirivimab-imdevimab, Tocilizumab या sarilumab आदि शामिल हैं। Baricitinib, Tocilizumab या sarilumab जैसी दवाओं को संगठन के
गाइडलाइन डेवलपमेंट ग्रुप (GDG)
द्वारा निर्धारित किया गया है। संगठन का मानना है कि इन दवाओं से अस्पताल में भर्ती होने और मौत के जोखिम को कम किया जा सकता है।
कोरोना के इलाज के लिए किन दवाओं से बचना चाहिए

डब्ल्यूएचओ का मानना है कि
कोरोना के उपार के लिए Ivermectin, Hydroxychloroquine, Lopinavir/ritonavir और Remdesivir जैसी दवाओं के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इन दवाओं के संबंध में ऐसे सबूत नहीं मिले हैं कि यह मृत्यु दर, अस्पताल में भर्ती होने ने खतरे और अन्य कारकों को कम कर सकती हैं।
बच्चों के लिए निर्धारित कोरोना की दवाएं

डब्ल्यूएचओ ने बच्चों में casirivimab और imdevimab का उपयोग करने की सिफारिश की है। सौभाग्य से बहुत कम बच्चे
से गंभीर रूप से बीमार होते हैं। बच्चों के लिए tocilizumab की भी सिफारिश की गई है। ध्यान रहे कि Sarilumab दवा को बच्चों के लिए निर्धारित नहीं किया गया है।
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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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