पहली और दूसरी लहर के मरीजों का अब तक पीछा नहीं छोड़ रहा कान से जुड़ा यह खतरनाक लक्षण

Covid long symptoms in Hindi: एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के मरीजों को अब तक कान से जुड़ी एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है और अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया गया, तो बहरेपन का खतरा पैदा हो सकता है।

कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic)
को आए हुए तीन साल के करीब हो गए हैं और इसका खतरा अभी भी कम होता नहीं दिख रहा है। बताया आ रहा है कि इसके कुछ दुष्प्रभाव मरीजों के शरीर में नजर आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के मरीजों को अब तक कान से जुड़ी एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है और अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया गया, तो बहरेपन का खतरा पैदा हो सकता है।
हैं, जो लंबे समय तक रोगियों को परेशान कर सकते हैं। इनमें से एक लंबा चलने वाला लक्षण टिनिटस (Tinnitus) है। बताया जा रहा है कि कोरोना का यह गंभीर साइड इफेक्ट मरीजों को अब तक परेशान कर रहा है। टिनिटस कान से जुड़ी एक ऐसी समस्या है जिसमें कानों में भनभनाहट या गूंजने की आवाज रहती है, जिसे बोलचाल की भाषा में कानों का बजना भी कहा जाता है। अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो सुनने की क्षमता भी कम हो सकती है।
एनसीबीआई (NCBI) पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार,
कानों का बजना लॉन्ग कोविड का एक लक्षण हो सकता है। कोरोना के लंबे चलने वाले लक्षणों को
लॉन्ग कोविड (Long Covid symptoms)
कहा जाता है, जो कुछ हफ्तों या महीनों ता बने रह सकते हैं। इसके अन्य लक्षणों में लगातार थकान, दिल की धड़कन प्रभावित होना और जठरांत्र संबंधी समस्याएं हैं।
पांच गुना बढ़े कानों की समस्या के मामले

एक अंग्रेजी ऑनलाइन मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार,
डॉक्टरों का कहना है कि कानों की समस्या से जुड़े मामलों के रोगियों की संख्या में पांच-छह गुना वृद्धि हुई और सबसे अधिक मामले अचानक सुनने की क्षमता प्रभावित होने वाले मामले हैं। हैरानी की बात यह है कि अधिकतर मरीज वो हैं, जिन्हें पहली या दूसरी लहर में कोविड था। कोरोना के कुछ हल्के मामलों में भी यह समस्या देखी जा रही है।
कोरोना के साइड इफेक्ट्स में टिनिटस आम समस्या

डॉक्टरों का मानना है कि बहुत से ठीक हुए लोगों में कानों का गूंजना एक आम समस्या है, जिसे
कहा जाता है। कुछ लोगों को दिल से जुड़े लक्षण भी महसूस हो सकते हैं, जो छह सप्ताह से तीन महीने तक रह सकते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में यह छह महीने तक चल सकता है।
नींद उड़ा सकता है यह गंभीर लक्षण

कोरोना के मरीजों में दिखने वाले इस लक्षण को अगर समय पर इलाज नहीं किया गया, तो बहरेपन का खतरा बढ़ सकता है। कान बजने के कारण मरीजों को नींद नहीं आने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
बहरेपन का भी खतरा

कानों के बजने की समस्या कान के अंदर हेयर सेल्स डैमेज के कारण हो सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका अगर इसका एक या दो दिन में पता चल जाए, तो इसका इलाज किया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ और इलाज में काफी देर हो गई तो यह, बहरेपन का कारण बन सकता है।
कैसे करें बचाव

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके लिए आपको
और चिंता से बचना चाहिए और उसके लिए योगासन और प्राणायाम करना चाहिए। स्मोकिंग से बचें, पर्याप्त आराम और नींद लेने की कोशिश करें। हफ्ते में कम से कम पांच बार एक्सरसाइज भी करें।
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