शुरुआती स्टेज में नहीं पता चलता माउथ कैंसर का पता, डॉ. ने कहा- मुंह ना खुले तो हो जाएं सावधान

Muh ka cancer: मुंह का कैंसर मुंह में कहीं भी हो सकता है। यह एक प्रकार का सिर और गर्दन का कैंसर है। डॉक्टर्स के अनुसार, इससे बचने के लिए लोगों को धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना चाहिए।

माउथ व ओरल कैंसर पुरूषों में होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। मुंह का कैंसर मुंह में कहीं भी हो सकता है। ज्यादातर इसका निदान गाल और मसूड़े में किया जाता है। देखा जाए, तो यह एक प्रकार का सिर और गर्दन का कैंसर है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, लगभग 53000 अमेरिकियों को 2019 में ओरल या ऑरोफरिन्जियल कैंसर डायगनोज हुआ।
राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के यूनिट हेड एंड सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुदित अग्रवाल कहते हैं कि माउथ कैंसर इलाज लायक बीमारी है। इसकी रोकथाम की जा सकती है, अगर हम इसका ध्यान रखें। डॉक्टर बताते हैं कि भारत में 70 प्रतिशत लोग एडवांस स्टेज में डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। ऐसे में इलाज बहुत ज्यादा होता है और ठीक होने की संभावना भी कम होती है। इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान करें और शुरुआती स्टेज में डॉक्टर के पास जाएं। तो आइए जानते हैं मुंह के कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके।
ओरल कैंसर के कारण

तब होता है। जब शरीर में अनुवांशिक परिवर्तन के कारण कोशिकाएं बिना नियंत्रण के बढ़ती हैं। जैसे-जैसे ये कोशिकाएं बढ़ती हैं, तो ये एक ट्यूमर बनाती हैं। समय के साथ ये कोशिकाएं शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाती हैं। मुंह के कैंसर का लगभग 90 प्रतिशत स्त्रोत स्कवैमस सेल कार्सिनोमा है।
ओरल कैंसर के लक्षण

डॉक्टर के अनुसार, शुरुआती अवस्था में ओरल कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते। धूम्रपान करने वाले और अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने वालों को नियमित रूप से डेंटिस्ट से जांच करानी चाहिए। क्योंकि तंबाकू और शराब मुंह के कैंसर के जोखिम कारक हैं। डेंटिस्ट शुरुआती अवस्थ में लक्षण का पता लगा सकता है। यदि व्यक्ति को कैंसर विकसित होता है, तो यहां बताए गए लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए।
मुंह या जीभ की परत पर धब्बे
मसूड़ों का मोटा होना
दांतों का ढीला होना
मुंह से खून बहना
कान में दर्द
जबड़े में सूजन आना
गले में खराश सा महसूस होना
चबाने या निगलने में कठिनाई होना
मुंह ना खुलना
मुंह में सफेदी आना
गर्दन में गांठ महसूस होना
मुंह में लाल दाग होना। इनमें से कोई भी लक्षण होने का मतलब यह नहीं है कि आपको मुंह का कैंसर है, लेकिन फिर भी आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
मुंह के कैंसर का इलाज

सर्जरी- डॉक्टर ट्यूमर और इसके आसपास स्वस्थ ऊतक के एक मार्जिन को हटाने के लिए सर्जरी कर सकता है। इसमें जीभ का हिस्सा और जबड़े की हड्डी निकाल दी जाती है।
रेडिएशन थैरेपी- इस थैरेपी का इस्तेमाल तभी किया जाता है, जब बीमारी तीसरी स्टेज में पहुंच जाती है।
कीमोथैरेपी- कीमोथैरेपी में पॉवरफुल दवाएं दी जाती हैं। यह दवाएं कैंसर सेल्स को नष्ट करती हैं।
मुंह के कैंसर के जोखिम कारक

या तंबाकू चबाना
नियमित रूप से सुपारी चबाना
ज्यादा शराब का सेवन करना
मानव पेपिलोमावायरस संक्रमण
सिर और गर्दन के कैंसर का इतिहास
इसके अलावा गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग, लंबे समय तक घाव रहने या फिर सलफ्यूरिक एसिड और फॉर्मलडिहाइड के संपर्क में आने से मुंह के कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
मुंह के कैंसर से बचाव के तरीके

मुंह के कैंसर के खतरे को कम करने के लिए किसी भी तंबाकू उत्पाद का प्रयोग करने से बचें।
शराब का सेवन न करें।
सुपारी चबाने से बचें।
एचपीवी से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाएं।
आंकड़े बताते हैं कि किसी व्यक्ति के मुंह के कैंसर से कम से कम 5 साल जीवित रहने की औसत संभावना है। डॉक्टर कहते हैं कि ओरल कैंसर इलाज के लायक है बशर्ते आप लक्षणों को पहचानकर शुरूआती स्टेज में ही डॉक्टर के पास जाएं।
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