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इस पेड़ के फूल-पत्ते, डंठल कुछ भी उबालकर पीने से उसी समय कम हो जाएगा Blood Sugar

डायबिटीज (Diabetes) एक गभीर समस्या है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। इसमें मरीज का ब्लड शुगर बढ़ जाता है जिससे कई उसे कई समस्याएं हो सकती हैं। डायबिटीज में ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए शुगर के मरीजों के हेल्दी डाइट की सलाद दी जाती है। ब्लड शुगर दवाओं के साथ कुछ घरेलू उपायों के जरिए भी कंट्रोल किया जा सकता है। ब्लड शुगर कंट्रोल रखने के लिए जड़ी बूटियां भी काफी प्रभावी होती हैं और ऐसी ही एक जड़ी बूटी है सहजन का पेड़। सहजन के पेड़ को मोरिंगा भी कहा जता है। यह हरे पत्तों वाला पेड़ आपको कहीं भी मिल सकता है। इस पर आने वाले फल की सब्जी बनाई जाती है। इस पर छोटे-छोटे हरे पत्ते और गुच्छों में सफेद रंग के फूल आते हैं। दक्षिण भारत में अधिकतर सब्जियों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस पेड़ के फल, पत्ते, डंठल और फूल सभी डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकते हैं।नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन (NCBI) पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सहजन का इस्तेमाल खाने के साथ-साथ पारंपरिक चिकित्सा में किया जता है। इसमें एंटीहाइपरग्लाइसेमिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और लिपिड को कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं।

Diabetes control karne ke upay: डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए शुगर के मरीजों को अपने खाने-पीने का ज्यादा ध्यान रखना जरूरी है। कुछ घरेलू उपायों के जरिए भी ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है और सहजन का पेड़ उनमें से एक बेहतर और असरदार उपाय है।


Diabetes tips: इस पेड़ के फूल-पत्ते, डंठल कुछ भी उबालकर पीने से उसी समय कम हो जाएगा Blood Sugar

डायबिटीज (Diabetes)

एक गभीर समस्या है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। इसमें मरीज का ब्लड शुगर बढ़ जाता है जिससे कई उसे कई समस्याएं हो सकती हैं। डायबिटीज में ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए शुगर के मरीजों के हेल्दी डाइट की सलाद दी जाती है। ब्लड शुगर दवाओं के साथ कुछ घरेलू उपायों के जरिए भी कंट्रोल किया जा सकता है।

ब्लड शुगर कंट्रोल रखने के लिए

जड़ी बूटियां भी काफी प्रभावी होती हैं और ऐसी ही एक जड़ी बूटी है सहजन का पेड़। सहजन के पेड़ को मोरिंगा भी कहा जता है। यह हरे पत्तों वाला पेड़ आपको कहीं भी मिल सकता है। इस पर आने वाले फल की सब्जी बनाई जाती है। इस पर छोटे-छोटे हरे पत्ते और गुच्छों में सफेद रंग के फूल आते हैं। दक्षिण भारत में अधिकतर सब्जियों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस पेड़ के फल, पत्ते, डंठल और फूल सभी डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकते हैं।

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन (NCBI) पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार

, सहजन का इस्तेमाल खाने के साथ-साथ पारंपरिक चिकित्सा में किया जता है। इसमें एंटीहाइपरग्लाइसेमिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और लिपिड को कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं।



डायबिटीज को कैसे कंट्रोल करता है सहजन
डायबिटीज को कैसे कंट्रोल करता है सहजन

सहजन के पत्तों में क्वेरसेटिन होता है जो एक एंटीऑक्सिडेंट है जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। मोरिंगा में पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड शरीर को शुगर को बेहतर तरीके से संसाधित करने में मदद कर सकता है और इंसुलिन को भी प्रभावित कर सकता है।



सहजन के पोषक तत्व
सहजन के पोषक तत्व

सहजन की 100 ग्राम ताजी कच्ची पत्तियों में 9.8 ग्राम प्रोटीन होता है। इसकी फली और बीज ओलिक एसिड और विटामिन सी से भरपूर होते हैं। यह विटामिन ए का बेहतर स्रोत है। इसके फल और पत्तों में बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन जैसे फोलेट, विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सिन), थायमिन (विटामिन बी -1), राइबोफ्लेविन, पैंटोथेनिक एसिड और नियासिन जैसे तत्व पाए जाते हैं।



सहजन के अन्य लाभ
सहजन के अन्य लाभ

सहजन के एंटीबायोटिक और एंटी बैक्टीरियल गुण कब्ज, गैस्ट्रिटिस और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे पाचन विकारों को रोकने में भी मदद कर सकते हैं क्योंकि यह विभिन्न रोगजनकों के विकास को रोकता है।



कैसे करें सहजन का इस्तेमाल
कैसे करें सहजन का इस्तेमाल

आप सहजन के पत्तों और बीजों का सेवन तीन अलग-अलग तरीकों से कर सकते हैं- कच्ची पत्तियां, पाउडर या जूस। आप गर्म पानी में कुछ के पत्ते डालकर उबाल सकते हैं। स्वाद के लिए नींबू और शहद मिला लें और इसे चाय की तरह पिएं। दूसरा उपाय यह है कि आप इसके पत्तों को सब्जी में मिला सकते हैं या फिर इसके फलों की सब्जी बना सकते हैं। तीसरा उपाय यह है कि आप रोजाना इसके कुछ पत्ते चबा सकते हैं।





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