कोरोना की खांसी अब तक नहीं छोड़ रही पीछा? दबी हुई खांसी को जड़ से मिटा देंगे 4 आयुर्वेदिक उपाय

Home remedies for covid cough: कोरोना से जुड़ी खांसी संक्रमण के एक दिन पहले ही प्रकट हो जाती है और आमतौर पर 19 दिनों तक बनी रहती है। 5% लोगों को खांसी चार सप्ताह से अधिक समय तक बनी रह सकती है। आप इसके लिए कुछ घरेलू उपाय आजमा सकते हैं।

खांसी (Cough)
कोरोना वायरस का एक कॉमन लक्षण है और यह इसकी शुरुआत से बना हुआ है। अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमीक्रोन, कोरोना वायरस के जितने भी वेरिएंट आए हैं, खांसी उनका एक बड़ा लक्षण रहा है। इस दौरान कोरोना के मरीजों में सामान्य से लेकर गंभीर तक कई तरह की खांसी के लक्षण देखने को मिले हैं।
दुर्भाग्य से खांसी कोरोना का एक ऐसा लक्षण है, जो कई बार मरीज के ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ता है। एक्सपर्ट खांसी को
का लक्षण मानते हैं। लॉन्ग कोविड के लक्षण कई हफ्तों या महीनों तक रह सकते हैं।
अगर आपको कोरोना हुआ था और ठीक होने के कई हफ्तों या महीनों बाद भी आपको दबी-दबी खांसी का सामना करना पड़ रहा है, तो संभव है यह
हो।
है कि कोरोना से जुड़ी खांसी संक्रमण के एक दिन पहले ही प्रकट हो जाती है और आमतौर पर 19 दिनों तक बनी रहती है। 5% लोगों को खांसी चार सप्ताह से अधिक समय तक बनी रह सकती है।
तुलसी

आयुर्वेद में तुलसी को जड़ी-बूटियों की रानी के रूप में जाना जाता है। तुलसी के पत्तों में आम सर्दी के साथ-साथ खांसी से लड़ने की क्षमता होती है। तुलसी एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ाती है जिससे किसी भी संक्रमण की शुरुआत को रोका जा सकता है। तुलसी में खांसी दूर करने वाले गुण होते हैं। यह चिपचिपे बलगम को बाहर निकालकर वायुमार्ग को शांत करने में मदद करती है। इसके लिए आप सुबह सबसे पहले तुलसी के 4-5 पत्ते चबाएं। आप तुलसी के पत्तों का काढ़ा या चाय भी पी सकते हैं।
शहद

एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर शहद न केवल
को कम करने में भी मदद करता है बल्कि यह एक प्रभावी कफ सप्रेसेंट है। शहद गाढ़े बलगम को ढीला करके और उसे बाहर निकालने में मदद करके छाती में जमाव से राहत देता है। यह गीली खांसी को कम करने में मदद करता है। खांसी की गंभीरता को कम करने के लिए रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद का सेवन करें। तब तक जारी रखें जब तक आपको खांसी से राहत न मिल जाए। आप इसे अदरक के रस के साथ भी ले सकते हैं।
मुलेठी

मुलेठी को 'मीठी लकड़ी' के रूप में भी जाना जाता है, खांसी के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। मुलेठी का चूर्ण गले में खराश, खांसी और वायुमार्ग के बलगम को कम करता है। यह वायुमार्ग के अंदर बलगम को पतला और ढीला करता है, जिससे खांसी से राहत मिलती है। इसके लिए आप 1 चम्मच मुलेठी पाउडर लें और उसमें 1 गिलास गर्म पानी मिलाएं। इसे दिन में दो बार पियें। आप इसे अदरक के साथ उबालकर भी पी सकते हैं।
सोंठ

यह सूखा अदरक होता है, जो हर्बल कफ सिरप की मुख्य सामग्री में से एक है। सोंठ को शहद के साथ लेने से खांसी और जुकाम में आराम मिलता है। सोंठ में कुछ ऐसे अणु होते हैं जिनमें सूजन-रोधी गुण होते हैं। यह गले की खराश को कम करने में मदद करता है। 1/4 चम्मच सोंठ लें और उसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं। अच्छी तरह से मिलाएं और इसे दिन में दो बार कम से कम 3 दिनों तक लें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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