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OMG! एक अजीब बीमारी से पीड़ित व्यक्ति 2 महीने से खा रहा था तरल पदार्थ, जीभ पर ही उगने लगने 'काले बाल'

इंसान को कब और किस तरह की बीमारी घेर ले कुछ कहा नहीं जा सकता। स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याओं या बीमारियों के बारे में अधिकतर लोग जानते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसे विचित्र वायरस या रोग देखने को मिलते हैं, जिनके बारे में आम इंसान तो क्या डॉक्टरों को भी अंदाजा नहीं होता है। ऐसा ही एक विचित्र मामला केरल में देखने को मिला है। बताया जा रहा है कि स्ट्रोक (Stroke) से पीड़ित एक व्यक्ति की जीभ में अचानक 'काले बाल' उगने लगे।एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एक 50 वर्षीय व्यक्ति स्ट्रोक से पीड़ित था। इससे निपटने के लिए कुछ खास तरह की डाइट ले रहा था। दो महीने के बाद उसकी जीभ पर डेड स्किन और बैक्टीरिया की एक मोटी परत जम गई थी।JAMA Dermatology पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जीभ पर बाल जैसे उगने की समस्या को मेडिकल भाषा में लिंगुआ विलासा नाइग्रा (lingua villosa nigra) के रूप में जाना जाता है। स्ट्रोक के बाद उसकी बाईं ओर लकवा मार गया और उसे चबाने में भी बहुत परेशानी हो रही थी। चलिए जानते हैं कि यह रोग क्या होता है, जो जीभ पर 'बाल' उगने का कारण बनता है और इसका खतरा किसे है।(फोटो साभार: istock by getty images)

Black hairy tongue causes and symptoms: स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को दो महीने बाद उस समय अस्पताल ले जाया गया, जब उसे भोजन चबाने और निगलने में परेशानी हो रही थी। दरअसल भोजन उसकी जीभ में ही फंसकर रह जाता था। इससे उसकी जीभ में काले-पीले धब्बे पड़ गए।


OMG! एक अजीब बीमारी से पीड़ित व्यक्ति 2 महीने से खा रहा था तरल पदार्थ, जीभ पर ही उगने लगने 'काले बाल'

इंसान को कब और किस तरह की बीमारी घेर ले कुछ कहा नहीं जा सकता। स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याओं या बीमारियों के बारे में अधिकतर लोग जानते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसे विचित्र वायरस या रोग देखने को मिलते हैं, जिनके बारे में आम इंसान तो क्या डॉक्टरों को भी अंदाजा नहीं होता है। ऐसा ही एक विचित्र मामला केरल में देखने को मिला है। बताया जा रहा है कि

स्ट्रोक (Stroke)

से पीड़ित एक व्यक्ति की जीभ में अचानक 'काले बाल' उगने लगे।

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एक 50 वर्षीय व्यक्ति स्ट्रोक से पीड़ित था। इससे निपटने के लिए कुछ खास तरह की डाइट ले रहा था। दो महीने के बाद उसकी जीभ पर डेड स्किन और बैक्टीरिया की एक मोटी परत जम गई थी।

JAMA Dermatology पर प्रकाशित रिपोर्ट

के अनुसार, जीभ पर बाल जैसे उगने की समस्या को मेडिकल भाषा में

लिंगुआ विलासा नाइग्रा (lingua villosa nigra)

के रूप में जाना जाता है। स्ट्रोक के बाद उसकी बाईं ओर लकवा मार गया और उसे चबाने में भी बहुत परेशानी हो रही थी। चलिए जानते हैं कि यह रोग क्या होता है, जो जीभ पर 'बाल' उगने का कारण बनता है और इसका खतरा किसे है।

(फोटो साभार: istock by getty images)



जीभ पर उगने लगे 'काले बाल'
जीभ पर उगने लगे 'काले बाल'

रिपोर्ट के अनुसार, केरल का एक व्यक्ति स्ट्रोक से पीड़ित था। उसे शुद्ध भोजन और तरल पदार्थ खिलाए जा रहे थे और मौखिक एंटीप्लेटलेट और एंटीहाइपरटेन्सिव ले रहे थे। इसके कुछ दिनों बाद उसकी चीभ पर काले-पीले धब्बे बन गए थे जिसे मेडिकल भाषा में लिंगुआ विलासा नाइग्रा या

black hairy tongue

भी कहा जाता है।



साफ-सफाई करने से मिली राहत
साफ-सफाई करने से मिली राहत

रिपोर्ट के अनुसार, स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को दो महीने बाद उस समय अस्पताल ले जाया गया, जब उसे भोजन चबाने और निगलने में परेशानी हो रही थी। दरअसल भोजन उसकी जीभ में ही फंसकर रह जाता था। इससे उसकी जीभ में काले-पीले धब्बे पड़ गए। हालांकि डॉक्टरों की सलाह बीस दिनों तक अच्छी तरह साफ-सफाई करने से धब्बे साफ हो गए थे।



13% लोगों को इसका खतरा
13% लोगों को इसका खतरा

अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओरल मेडिसिन के अनुसार, 13 प्रतिशत लोगों को उनके जीवनकाल में कभी न कभी 'काले बालों वाली जीभ' यानी लिंगुआ विलासा नाइग्रा का सामना करना पड़ सकता है।



किसे है लिंगुआ विलासा नाइग्रा का ज्यादा खतरा
किसे है लिंगुआ विलासा नाइग्रा का ज्यादा खतरा

ऐसा माना जाता है कि यह समस्या अक्सर खराब मौखिक स्वच्छता के कारण होती है, लेकिन यह उन लोगों में देखा गया है जो ज्यादातर नरम खाद्य पदार्थ खाते हैं। जब आप कठोर खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो वो जीभ से मृत कोशिकाओं को खुरचते हैं। हालांकि नरम पदार्थ खाने से इसका खतरा हो सकता है। यह तंबाकू के सेवन, माउथवॉश और कुछ एंटीबायोटिक दवाओं से भी जुड़ा हो सकता है।



नरम और तरल पदार्थ बढ़ाते हैं जोखिम
नरम और तरल पदार्थ बढ़ाते हैं जोखिम

ऐसा माना जाता है कि यह स्थिति जीभ पर लगभग 1 मिमी (0.04 इंच) तक बढ़ सकती है और अगर जीभ को नियमित रूप से साफ नहीं किया गया, तो यह 18 मिमी (0.7 इंच) की लंबाई तक पहुंच सकता है। इसका मतलब है कि नरम भोजन और तरल पदार्थ जीभ की सतह को पर्याप्त रूप से साफ नहीं करते हैं, इससे स्थिति बिगड़ सकती है।





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