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ब्लॉगः फीकी क्यों पड़ गई सरकारी नौकरी की चमक?

साल 2019 में हर घंटे एक भारतीय नागरिक ने बेरोजगारी, गरीबी या दिवालिएपन के कारण खुदकुशी की। तकरीबन 25 हजार भारतीय 2018 से 2020 के बीच बेरोजगारी या कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या के लिए मजबूर हुए। जो लोग अब भी बेरोजगार हैं, उनके लिए विरोध प्रदर्शन एक स्वाभाविक नियति है। हजारों प्रदर्शनकारियों ने रेलवे भर्ती प्रक्रिया में कथित खामियों को लेकर जनवरी 2022 में रेलवे के डिब्बे फूंक दिए। एक संविदाकर्मी के लिए सम्मान के साथ राष्ट्र की सेवा करना, उसके बुनियादी हक और सरोकार से जुड़ा मसला है। इसकी अवहेलना की स्थिति में हाल में हमने अग्निवीर योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन उबलते देखा है।

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