सोने की ये आदत बढ़ाती है फैटी लीवर का खतरा, तुरंत बदलें नहीं तो हो जाएगा Liver Fail
फैटी लीवर रोग (Fatty Liver Disease) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के लीवर में अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है। इसे हेपेटिक स्टीटोसिस भी कहा जाता है। आमतौर पर, जिन लोगों को यह बीमारी होती है, उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। जिससे निदान में देरी होती है और जब तक पता होता है ज्यादातर लीवर खराब हो जाता है।फैटी लीवर की बीमारी किसी को भी हो सकती है, जो शराब पीते हैं उन्हें भी और जो नहीं पीते हैं उन्हें भी। अल्कोहलिक फैटी लीवर (Alcoholic Fatty Liver) वह प्रकार है जो ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में विकसित होता हैं। वहीं, जो लोग शराब नहीं पीते हैं उन्हें नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (Non-Alcoholic Fatty Liver) हो सकता है। दोनों तरह के फैटी लीवर डिजीज जीवन के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। ऐसे में इस बीमारी के जोखिम कारकों को नियंत्रित करना जरूरी होता है। इन कारकों में मोटापा, हेल्थ कंडीशन, अनहेल्दी लाइफस्टाइल अस्वास्थ्यकर जीवनशैली शामिल है। हाल ही में एक शोध से पता चला है कि आपकी नींद की आदतें भी निर्धारित कर सकती हैं कि आप अधिक जोखिम में हैं या नहीं।
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