Top Story

शगुन-अपशगुन का संकेत नहीं, बार-बार आंखें फड़कने की असली वजह हैं ये 3 गंभीर बीमारी

Eye Twitching Causes: भारत में शारीरिक अंगों के साथ होने वाली ज्‍यादातर छोटी-मोटी एक्टिविटी को अंधविश्वास से जोड़कर देखा जाता है। इन्हीं धारणाओं में आंख फड़कना भी शामिल है। ज्‍यादातर लोग इसे शुभ और अशुभ का कारण मानते हैं। आमतौर पर आंखों का फड़कना आम बात होती है और पलक की मांसपेशियों में ऐंठन के कारण किसी की भी आंख फड़कना शुरू हो सकती है। इस वजह से आंखों के फड़कना का असर ज्‍यादातर ऊपरी पलक पर होता है और कुछ मिनट या घंटे में अपने आप ही बंद हो जाती है। हालांकि अगर नीचे और ऊपर की दोनों पलके फड़कने लगे और ऐस हफ्तों या इससे ज्‍यादा समय तक बना रहे तो यह गंभीर बीमारी की चेतावनी भी हो सकती है। आंखों के फड़कने को मेडिकल भाषा में 'Myokymia' कहा जाता है। जब आंखों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं तो वो फड़कने लगती हैं। इसके कई आम कारण होते हैं। ज्‍यादातर मामलों में स्‍ट्रेस, आई स्ट्रेन, नींद की कमी और एल्कोहल का अधिक सेवन होता है। इसके अलावा जिन्हें विजन संबंधी प्रॉब्लम्स होती हैं, उनकी आंखों पर अधिक जोर पड़ने पर फड़कने लगती हैं।इसके अलावा अधिक कैफीन वाले चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और चॉकलेट भी इसकी वजह हो सकती है। हालांकि इन सभी कारणों से अगर आंख फड़क रही है तो वह एक-दो दिन में बंद हो जाती हैं। NIH की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई दिनों तक लगतार आंख फड़क रही है तो यह गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। मेडिकल में आंख फड़कने की तीन अलग-अलग स्थित बताई गई है, जिसे मायोकेमिया, ब्लेफेरोस्पाज्‍म और हेमीफेशियल स्पाज्‍म कहा जाता है।

from Health-Fitness Tips: Know the Health Tips, Fitness Tips, Weight Loss Methods and Ayurveda Remedies to live a happy health life with Navbharat Times| नवभारत टाइम्स https://ift.tt/knK0v2r
via IFTTT