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अजय देवगन की फूल और कांटे का स्टाइलिश विलेन, 90 के दशक में दर्जन भर से ज्यादा की फिल्में, अब कहां गुम हैं?



90 के दशक का एक कामयाब एक्टर जिसने विलेन बनकर लूटी थी वाहवाही. करियर में जिसके पास काम की भी कोई कमी नहीं थी, नेम- फेम- पैसा- रुतबा सब कुछ टैलेंट के दम पर हासिल किया. लेकिन अचानक एक दिन इंडस्ट्री को छोड़कर जीने लगा गुमनाम जिंदगी. हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं उसने अजय देवगन की साल 1991 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म से करियर की शुरुआत की थी. आइए जानते हैं कौन हैं वो लकी एक्टर?

नई दिल्ली. बॉलीवुड जहां लोग एक्टर बनने का सपना लेकर आते हैं. कड़े संघर्ष के बाद अपनी अलग जगह बनाते हैं. लेकिन एक हिट के बाद आगे भी अच्छा काम मिलेगा इस बात की इंडस्ट्री में कोई गारंटी नहीं हैं. लेकिन एक एक्टर जिस करियर की पहली ही फिल्म से नेम फेम सब कुछ मिल गया और आगे भी कई फिल्मों के ऑफर मिल गए बावजूद इसके इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया. हम बात कर रहे हैं, साल 1991 में अजय देवगन की फिल्म ‘फूल और कांटे’ में विलेन किरदार में नजर आ चुके रॉकी यानी आरिफ खान (Arif Khan) की.

अजय देवगन की डेब्यू फिल्म ‘फूल और कांटे’ से आरिफ खान ने भी डेब्यू किया था. फिल्‍म में उन्होंने विलेन रॉकी का किरदार निभाया था. वही जो कॉलेज में ड्रग्‍स का बिजनेस करता था, लड़कियां छेड़ता था? इस किरदार को निभाने वाले आरिफ खान अब फिल्‍मों से दूर अपनी एक अलग जिंदगी जी रहे हैं. फिल्मों की दुनिया में अच्छी पहचान बनाने के बाद, जड़े जमाने के बाद आरिफ अचानक फिल्म इंडस्ट्री से गायब हो गए. हर किसी की जुबां पर एक ही बात थी कि आखिर आरिफ अब कहां हैं और क्‍या करते हैं! आख़िर ऐसा क्या हुआ जो उन्हें पीक पर करियर को अलविदा कहने के लिए मजबूर होना पड़ा ?

इंडस्ट्री को अलविदा कहने के बाद आरिफ कभी दोबारा स्क्रीन पर नजर नहीं आए. लेकिन 2 साल पहले कोरोना महामारी के दौरान एक मौलाना साहब का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ था. जब लोगों को पता चला कि वह मौलाना असल में एक्‍टर आरिफ खान हैं, तो लोग दंग रह गए थे. लंबी दाढ़ी, सफेद कुर्ते और सफेद टोपी में आरिफ खान को देखकर सब हैरान थे. तभी पता चला था कि एक्टिंग की दुनिया को अलविदा कहने के बाद आर‍िफ खान धर्म की राह पर बढ़ चले हैं और दीन व तबलीगी जमात से जुड़ गए हैं, अब वह धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं.

आरिफ ने बताया था कि वो एक्टिंग में करियर बनाने का सपना पूरा करके काफी खुश थे. लेकिन फिर धीरे-धीरे उनका मन इंडस्ट्री से हटन लगा.’ असल में आरिफ के सिनेमा छोड़ने और धर्म की राह पर बढ़ने के पीछे उनकी मां और भाई ने काफी सपोर्ट किया था. आरिफ के पिता बेटे के फिल्‍मी दुनिया से खुश थे लेकिन मां को ये ग्लैमर वर्ल्ड पसंद नहीं था. शादी हुई तो आरिफ की पत्नी का भी धर्म की ओर झुकाव हो गया. इसके बाद आरिफ को लगा कि सुकून एक्टिंग की दुनिया में नहीं, धर्म के रास्ते पर है

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