प्रोजेक्ट चीता को बड़ा झटका, कूनो नेशनल पार्क में 7वें चीते की मौत
Kuno National Park: प्रोजेक्ट चीते के लिए मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क को चुना गया था। मंगलवार को प्रोजेक्ट चीता को बड़ा झटका लगा है। साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते तेजस की मौत हो गई है। मॉनिटरिंग टीम को तेजस गंभीर अवस्था में घायल मिला था।
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भोपाल:कूनो नेशनल पार्क से मंगलवार को एक बुरी खबर सामने आई। कूनो नेशनल पार्क में एक और नर चीते की मौत हो गई है। जिस चीते की मौत हुई है उसका नाम तेजस है। तेजस घायल था और मॉनिटरिंग टीम उसकी निगरानी कर रही थी। घायल अवस्था में मिलने के बाद उसका इलाज भी शुरू हुआ था। इलाज के दौरान ही तेजस की मौत हो गई। चीते की मौत के बाद प्रोजेक्ट चीता को बड़ा झटका लगा है। तेजस को किस कारण से चोट लगी थी फिलहाल इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई है। बता दें कि तेजस से पहले भी कई चीतों की कूनो पार्क में मौत हो चुकी है।
मॉनिटरिंग टीम ने बताया कि तेजस घंटों तक अचेत अवस्था में था। कूनो नेशनल पार्क में अभी तक 4 चीते और 3 शावकों की मौत हुई है। तेजस की मौत के बाद एक बार फिर से कूनो प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल टीम बाकि चीतों की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। टीम ने तेजस की मौत के कारणों का अभी खुलासा नहीं किया है।
दक्षिण अफ्रीका से आया था तेजस
तेजस चीते को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। अब तक कूनो नेशनल पार्क में 7 चीतों की मौत हो चुकी है। हालांकि सभी चीतों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई। डॉक्टरों की टीम ने बताया कि तेजस के गर्दन के ऊपर चोट के निशान थे। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने तेजस का इलाज करने के लिए उसे बेहोश किया था। हाल ही में कूनो पार्क में चीतों के बीच झड़प भी हुई थी। जिसमें चार चीते आपस में भिड़ गए थे।
तेजस चीते को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। अब तक कूनो नेशनल पार्क में 7 चीतों की मौत हो चुकी है। हालांकि सभी चीतों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई। डॉक्टरों की टीम ने बताया कि तेजस के गर्दन के ऊपर चोट के निशान थे। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने तेजस का इलाज करने के लिए उसे बेहोश किया था। हाल ही में कूनो पार्क में चीतों के बीच झड़प भी हुई थी। जिसमें चार चीते आपस में भिड़ गए थे।
हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चीते की मौत का सही कारण पता चल पाएगा। चीते के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इससे पहले 25 मई को कूनो नेशनल पार्क में दो और शावकों की मौत हो गई थी। सबसे पहले नामीबिया से भारत मादा चीता साशा की मौत हुई थी। साशा की मौत किडनी की बीमारी के कारण हुई थी। उसके बाद दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की मौत हो गई थी।
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