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OPINION: भारतीय न्याय संहिता से मैरिटल रेप पर बढ़ी उलझन, पर्सनल लॉ में बदलाव अब जरूरी

सरकार IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता लेकर आई है। इसमें IPC के मौजूदा कानूनी प्रावधान में काफी बदलाव किए गए हैं। नए कानून में 18 साल से ज्यादा उम्र की पत्नी से जबरन संबंध रेप के दायरे से बाहर रखा गया है। लेकिन पत्नी नाबालिग हो तो ऐसे मामले में रेप का केस दर्ज होगा। वैसे मैरिटल रेप मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। शीर्ष अदालत के तीन जजों की बेंच इस मामले में सुनवाई करने वाली है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध बनाने की अर्जी पर खंडित फैसला दिया था जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अर्जी में मांग की गई है कि मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में लाया जाना चाहिए।

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