तेरे होंठों पर कहानी और कुछ कह रहा आँखों का पानी और कुछ हम दिखाते हैं ज़माने को अलग जी रहे हैं ज़िंदगानी और कुछ ज़हन में तो यादें माज़ी की म...Read More
तेरे होंठों पर कहानी और कुछ
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December 15, 2019
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रोज काल का ग्रास बन रही आसिफा,फिर कैसे मैं श्रृंगार लिखूँगा । देश चल रहा नफरत से ही,फिर कैसे मैं प्यार लिखूँगा । वंचित हैं जो अधिकार से अपने...Read More
रोज काल का ग्रास बन रही आसिफा,फिर कैसे मैं श्रृंगार लिखूँगा
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December 15, 2019
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कुछ करना चाहता हूँ, पर कुछ कर नही पाता हूँ। आगे बढ़ना चाहता हूँ, पर आगे बढ़ नही पाता हूँ। कोई मदद करना चाहे,तो मदद ले नही पाता हूँ। किसी से...Read More
कुछ करना चाहता हूँ, पर कुछ कर नही पाता हूँ।
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December 15, 2019
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इन शहरों का एक रास्ता गांव को भी खुलना चाहिए बहुत बीमार है ये, इसका हवा-पानी बदलना चाहिए इतनी तेज़ ज़िन्दगी कि जीने को साँसें कम पड़ जाए ज़ि...Read More
इन शहरों का एक रास्ता गांव को भी खुलना चाहिए
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November 25, 2019
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सूर्यांजलि मानवीय भावनाओं, सामाजिक समस्याओं, रिश्तो की सार्थकता, और देशभक्ति की कविताओं से ओतप्रोत 100 कविताओं का संग्रह है, यह निश्चय ही अं...Read More
पुस्तक परिचय सूर्यांजलि
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November 14, 2019
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आपकी हँसी बिन सके ,आपकी ख़ुशी बिन सके बे-तनख़्वाह बस इसी काम पर रख लीजिए हमें आपको सँवारने में हम भी कुछ तो सँवर जाएँगे मत सोचिए, किसी भी दा...Read More
आपकी हँसी बिन सके, आपकी ख़ुशी बिन सके
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October 12, 2019
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गाँधी जी के 150वें जन्म वर्ष पर 2 अक्टूबर को शाम 6:00 बजे राजभवन में ध्रुपद गायन समारोह आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में पद्मश्री कलाकार...Read More
राजभवन में गुंदेचा बन्धुओं का ध्रुपद गायन 2 अक्टूबर को
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October 01, 2019
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कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा ये आसमाँ ये सितारा भी बदल जाएगा कितना मोड़ पाओगे दरिया का रास्ता किसी दिन किनारा भी बदल जाएगा दूसरों के ...Read More
कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा
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September 29, 2019
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यूँ ही कभी थककर एक बार, जीवन की उलझनों से दूर, जीना चाहती थी स्वच्छंद, एकबार। चल पड़ी थामें प्रियतम का हाथ, जीवन से मिलने छोड़ घरबार। पहुँच ...Read More
फिर एकबार
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September 29, 2019
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मेरी ग़ुरबत की क़ीमत क्या लगाते जो ख़ुद डूबे थे क्या मुझको डुबाते मोहब्बत में वफ़ा की उम्र कितनी तअल्लुक़ को कहाँ तक आज़माते पुराने ज़ख्म सूखे बीते...Read More
मेरी ग़ुरबत की क़ीमत क्या लगाते
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September 05, 2019
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तेरी राह का पत्थर ही सही, तेरी राह में तो हूँ तू खूब कोसा करे ही सही, तेरी आह में तो हूँ चोरी किए हुए मेरे ही शेर अच्छे लगते हैं तुम्हें महफ़...Read More
तेरी राह का पत्थर ही सही, तेरी राह में तो हूँ
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September 04, 2019
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जो तुम चाहते हो बस वही मान लेते हैं झूठ को सच,सच को झूठ जान लेते हैं अब तक अक्सों में ढूँढते रहे इक दूजे को चलो आज हम खुद को पहचान लेते हैं ...Read More
जो तुम चाहते हो बस वही मान लेते हैं
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August 26, 2019
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अलग जो भीड़ से हटकर जगह अपनी बनाते हैं सितारों की तरह से वो जहां में जगमगाते हैं सफ़र की मुश्किलों का दौर होता है बड़ा प्यारा मगर कायर यहाँ आधे...Read More
अलग जो भीड़ से हटकर जगह अपनी बनाते हैं
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August 26, 2019
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EDITORIAL प्रशांत शैलके । राष्ट्रीय पर्व देश भक्ति के तरानों की याद, इसके माध्यम से देशभक्ति की अनुभूति और गुजरे जमाने की याद का एक अवसर होत...Read More
तेरी मिट्टी, एक सैनिक की अभिलाषा, नए राष्ट्रगीत की और बढता एक गीत
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August 16, 2019
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हमारा नाम आएगा तुम्हारे नाम से पहले हुई है मौत क़ासिद की अगर पैग़ाम से पहले कोई मुजरिम भी कर सकता है अपने जुर्म से तौबा फ़क़त वो जाँच ले हर जुर्...Read More
हमारा नाम आएगा तुम्हारे नाम से पहले
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August 09, 2019
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न राधा न मीरा, मैं हूँ रुक्मणी, प्रेम न भक्ति, मर्यादा के नाम पर हूँ छली, प्रेमियों की प्यारी राधा, भक्ति का उपमान है मीरा सार्थक उसका जीवन ...Read More
रुक्मणी की व्यथा
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May 29, 2019
Rating: 5
न राधा न मीरा, मैं हूँ रुक्मणी, प्रेम न भक्ति, मर्यादा के नाम पर हूँ छली, प्रेमियों की प्यारी राधा, भक्ति का उपमान है मीरा सार्थक उसका जीवन ...Read More
रुक्मणी की व्यथा
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May 28, 2019
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न जाने किनका ख्याल आ गया रूखे-रौशन पे जमाल* आ गया जो झटक दिया इन जुल्फों को ज़माने भर का सवाल आ गया मैं मदहोश न हो जाती क्यों-कर खुशबू बिखेरत...Read More
मैं मदहोश न हो जाती क्यों-कर
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May 06, 2019
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कभी खुद का भी दौरा किया कीजिए जो जहर है निगाहों में पिया कीजिए झूठी सूरत,झूठी सीरत और झूठा संसार सच के खिलने का आश्वासन भी दिया कीजिए हँसी म...Read More
कभी खुद का भी दौरा किया कीजिए
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May 03, 2019
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