पर्दादारी में हो या बेपर्दा क्या फर्क पड़ता है क्या है इंसाँ की कीमत यहाँ ज़िंदा रहने के लिये पैसे कमाना पड़ता है। कौन कैसा है ये जान के नहीं ...Read More
पैसे कमाना पड़ता है
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January 17, 2019
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पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है जाने उसने ज़बाँ पे क्या छुपा रखा है इस माहौल में ख़ामोश रहना अच्छा बहस को जाने क्या मुद्दआ उठा रखा है तमाम उम्...Read More
पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है
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January 08, 2019
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मचलती तमन्नाओं ने आज़माया भी होगा बदलती रुत में ये अक्स शरमाया भी होगा पलट के मिलेंगे अब भी रूठ जाने के बाद लड़ते रहे पर प्यार कहीं छुपाया भी...Read More
मचलती तमन्नाओं ने
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December 20, 2018
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आँखों में सँभालता हूँ पानी आया है प्यार शायद ख़ुशबू कैसी, झोंका हवा का घर में बार बार शायद रात सी ये ज़िंदगी और ख़्वाब हम यूँ बिसार गए बार ब...Read More
आँखों में सँभालता हूँ पानी
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December 20, 2018
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काश! तुम मेरे प्यार को समझ पाती परिणय की परिपाटी में तुम पर न्यौछावर हुआ तुम्हें अपना वर्तमान और भविष्य माना हर पग तेरे साथ चलने की कोशिश की...Read More
काश! तुम मेरे प्यार को समझ पाती
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October 11, 2018
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नदी किनारे रेत पर ढूँढता हूँ बचपन के निशान सख़्त गर्मी की शामों में अक्सर रेत पर बैठकर ठंडी वयार और शीतल लहरों का आनंद लेना ढलते सूरज की लाल...Read More
नदी किनारे रेत पर ढूँढता हूँ बचपन के निशान
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October 06, 2018
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जन्नत के बहाने क्यों दोज़ख़ की तरफ़ ले जाते हो ए जिहाद वालों क्यों तुम मासूमो को बरगलाते हों। बताओ कौन से ख़ुदा ने कहा है पाक है क़त्ल-ए-इंस...Read More
जन्नत के बहाने
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October 06, 2018
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ज़िंदगी के रंग मंच पर आदमी है सिर्फ़ एक कठपुतली । कठपुतली अपनी अदाकारी में कितने भी रंग भर ले आख़िर; वह पहचान ही ली जाती है, कि वह मात्र एक ...Read More
अदाकारी
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September 12, 2018
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मैंने तो सिर्फ आपसे प्यार करना चाहा था ख़ाहिश-ए-ख़लीक़ इज़हार करना चाहा था धुएँ सी उड़ा दी आरज़ू पल में यार ने मिरि तिरा इस्तिक़बाल शानदार करना ...Read More
मैंने तो सिर्फ आपसे प्यार करना चाहा था
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September 08, 2018
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जवानी जो आई बचपन की हुड़दंगी चली गई दफ़्तरी से हुए वाबस्ता तो आवारगी चली गई शौक़ अब रहे न कोई ज़िंदगी की भागदौड़ में दुनियाँ के दस्तूर में मिरि...Read More
जवानी जो आई बचपन की हुड़दंगी चली गई
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September 08, 2018
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सुन्दर डीपी लगा रखी है मोहतरमा अब तो चाय पिला दें सुबह उठते से ही देखो की है तारीफ़ अब तो चाय पिला दें सोच रखा है छुट्टी का दिन सारा आराम करक...Read More
पति की अभिलाषा
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September 08, 2018
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जिस सहर पे यकीं था वो ख़ुशगवार न हुयी देखो ये कैसी अदा है नसीब की समझा था जिसे बेकार, वो बेकार न हुयी मांगी थी जब तड़प रूह बेक़रार न हुयी कहूँ...Read More
ख़लिश
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September 07, 2018
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इंसानियत से प्यार इंसानियत से प्यार जब दीन-ओ-जान हो जायेगा मुज़्तरिब हाल में हाथ थामना ईमान हो जायेगा रस्म है, ज़िंदगी करवटें बदलती रही इब्ति...Read More
इंसानियत से प्यार
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August 28, 2018
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दिल में बस जाना फिर रूठ के चले जाना हमदम दिल में बस जाना फिर रूठ के चले जाना हमदम कभी मान जाना तो कभी बे-ख़ता सताना हमदम जोड़ता फिर रहा हसरते...Read More
दिल में बस जाना फिर रूठ के चले जाना हमदम
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August 28, 2018
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छोटे से दिमाग़ में बसा ली है दुनियाँ चारों और कौन देखता है चौतीस हो गयीं बर्बाद मुजफ्फरपुर कौन देखता है उन्नाओ, सूरत, मणिपुर, दिल्ली कौनसा ह...Read More
छोटे से दिमाग़ में बसा ली है दुनियाँ
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August 28, 2018
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युवा समाज बदलते जा रहे हैं दिन हो, रात हो अब युवा हिन्द के करते आराम नहीं समाज बदल रहा है युवा, व्याकुलता का अब काम नहीं भारत माता की वेदी प...Read More
युवा समाज बदलते जा रहे हैं
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August 25, 2018
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बूढ़े दरख़्त बूढ़े दरख़्त पहले से ज़्यादा हवादार हो गये इश्क़ में हम पहले से ज़्यादा वफ़ादार हो गये उनसे दिल की बात कहने का हुनर सीख लिया लब-ए-इज़...Read More
बूढ़े दरख़्त
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August 22, 2018
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कुछ ख़्वाब बुन लेना जीना आसान हो जायेगा कुछ ख़्वाब बुन लेना जीना आसान हो जायेगा दिल की सुनलेना मिज़ाज शादमान हो जायेगा लर्ज़िश-ए-ख़याल में ज़र्...Read More
कुछ ख़्वाब बुन लेना जीना आसान हो जायेगा
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August 20, 2018
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