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कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा

September 29, 2019
कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा ये आसमाँ ये सितारा भी बदल जाएगा कितना मोड़ पाओगे दरिया का रास्ता किसी  दिन किनारा भी बदल जाएगा दूसरों के ...Read More

हमारा नाम आएगा तुम्हारे नाम से पहले

August 09, 2019
हमारा नाम आएगा तुम्हारे नाम से पहले हुई है मौत क़ासिद की अगर पैग़ाम से पहले कोई मुजरिम भी कर सकता है अपने जुर्म से तौबा फ़क़त वो जाँच ले हर जुर्...Read More

हर मिसरे में घुल जाता है लावण्य तुम्हारा

January 12, 2019
कविता ने तुम्हारा कितना ख़्याल रक्खा है कि हर एक शब्द को सँभाल  रक्खा है।। स्वर उठे तो नाज़ बने,व्यंजन उठे तो नखरे हर वर्तनी को करीने से देख-भ...Read More

पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है

January 08, 2019
पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है जाने उसने ज़बाँ पे क्या छुपा रखा है इस माहौल में ख़ामोश रहना अच्छा बहस को जाने क्या मुद्दआ उठा रखा है तमाम उम्...Read More

तुम जब चले गए तो फिर हमें आए याद बहुत

November 23, 2018
तुम जब चले गए तो फिर हमें आए याद बहुत जिस गुलशन को बसाया था,हुआ वो बर्बाद बहुत सब गलियाँ है सूनी,सब रास्ते हो गए उदास बहुत दिन है मेरा सोया ...Read More

मेरे इश्क़ का सफर अभी जारी है

October 15, 2018
आँखों में नशा, जिस्म में खुमारी है मेरे इश्क़ का सफर अभी जारी है मुझे देख वो हया में लिपट जाती हैं कुछ तो है ऐसा जिसकी राजदारी है इश्क़ कैसे न...Read More

जैसे राधा, कृष्ण के अंग लगती होगी

October 12, 2018
एक हम ही तो नहीं बेकरार यहाँ चाँदनी रातों में वो भी जागती होगी दुआओं में निगाह जो उठती होगी कुछ और नहीं वो हमें माँगती होगी जिस चौखट पर मेरी...Read More

नदी किनारे रेत पर ढूँढता हूँ बचपन के निशान

October 06, 2018
नदी किनारे रेत पर ढूँढता हूँ बचपन के निशान सख़्त गर्मी की शामों में अक्सर रेत पर बैठकर ठंडी वयार और शीतल लहरों का आनंद लेना ढलते सूरज की लाल...Read More

मासूमों के चेहरे सियासी खून से क्यों धो रहे हो

September 12, 2018
अपने खेतों,अपने बगीचों में जहर क्यों बो रहे हो मासूमों के चेहरे सियासी खून से क्यों धो रहे हो तुमने ही खुद जलाई हैं सारी की सारी बस्तियाँ अब...Read More

तुझे चाहिए तो तू मेरा जिस्मों-जान रख

September 12, 2018
तुझे चाहिए तो तू मेरा जिस्मों-जान रख पर अपनी तबियत में भी थोड़ा ईमान रख तेरा घर क्यों बहुत सूना-सूना लगता है मेरी मान,घर में कोई बेटी सा भगवा...Read More

मैंने तो सिर्फ आपसे प्यार करना चाहा था

September 08, 2018
मैंने तो सिर्फ आपसे प्यार करना चाहा था ख़ाहिश-ए-ख़लीक़ इज़हार करना चाहा था धुएँ सी उड़ा दी आरज़ू पल में यार ने मिरि तिरा इस्तिक़बाल शानदार करना ...Read More

जवानी जो आई बचपन की हुड़दंगी चली गई

September 08, 2018
जवानी जो आई बचपन की हुड़दंगी चली गई दफ़्तरी से हुए वाबस्ता तो आवारगी चली गई शौक़ अब रहे न कोई ज़िंदगी की भागदौड़ में दुनियाँ के दस्तूर में मिरि...Read More

वो ज़माने का ही हुआ, पर मेरा राज़दार न हुआ

September 07, 2018
उसको तोहमतें ज़्यादा मिली,तारीफें बहुत कम जो अच्छा तो बहुत हुआ पर खुद्दार न हुआ ।।2।। सारी ज़िन्दगी खोल के रख दी उसके सामने वो ज़माने का ही हुआ...Read More

ख़लिश

September 07, 2018
जिस सहर पे यकीं था वो ख़ुशगवार न हुयी देखो ये कैसी अदा है नसीब की समझा था जिसे बेकार, वो बेकार न हुयी मांगी थी जब तड़प रूह बेक़रार न हुयी कहूँ...Read More