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इन शहरों का एक रास्ता गांव को भी खुलना चाहिए

November 25, 2019
इन शहरों का एक रास्ता गांव को भी खुलना चाहिए बहुत बीमार है ये, इसका हवा-पानी बदलना चाहिए इतनी तेज़ ज़िन्दगी कि जीने को साँसें कम पड़ जाए ज़ि...Read More

कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा

September 29, 2019
कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा ये आसमाँ ये सितारा भी बदल जाएगा कितना मोड़ पाओगे दरिया का रास्ता किसी  दिन किनारा भी बदल जाएगा दूसरों के ...Read More

हमारा नाम आएगा तुम्हारे नाम से पहले

August 09, 2019
हमारा नाम आएगा तुम्हारे नाम से पहले हुई है मौत क़ासिद की अगर पैग़ाम से पहले कोई मुजरिम भी कर सकता है अपने जुर्म से तौबा फ़क़त वो जाँच ले हर जुर्...Read More

बात ज़ुबान पे है बोलते क्यूँ नहीं

February 22, 2019
ज़िन्दा हैं तो मुँह खोलते क्यूँ नहीं बात ज़ुबान पे है बोलते क्यूँ नहीं नींद चाहिए अगर आँखों को तो ख़्वाब संजीदा पालते क्यूँ नहीं चुप्पी भी तो क...Read More

कमर में फँसी हुई नदी कलकल देखा

February 22, 2019
आँखों का काजल देखा उमड़ता सा बादल देखा तेरी माधुर्य पर नाचता मोर मयूरा पागल देखा तेरी ज़ुल्फ़ों में उलझा रात मैंने बेकल देखा कमर में फँसी हुई न...Read More

रिश्ते निभाने में बहुत वक़्त लगता है

February 20, 2019
रिश्ते निभाने में बहुत वक़्त लगता है सो हर एक से ही फासला बनाते रहिए कितनी तामील हो पाएगी,मलाल नहीं आप तो रोज़ नया फैसला सुनाते रहिए खुद ही कह...Read More

हर मिसरे में घुल जाता है लावण्य तुम्हारा

January 12, 2019
कविता ने तुम्हारा कितना ख़्याल रक्खा है कि हर एक शब्द को सँभाल  रक्खा है।। स्वर उठे तो नाज़ बने,व्यंजन उठे तो नखरे हर वर्तनी को करीने से देख-भ...Read More

पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है

January 08, 2019
पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है जाने उसने ज़बाँ पे क्या छुपा रखा है इस माहौल में ख़ामोश रहना अच्छा बहस को जाने क्या मुद्दआ उठा रखा है तमाम उम्...Read More

आँखों में सँभालता हूँ पानी

December 20, 2018
आँखों में सँभालता हूँ पानी आया है प्यार शायद ख़ुशबू कैसी, झोंका हवा का घर में बार बार शायद रात सी ये ज़िंदगी और ख़्वाब हम यूँ बिसार गए बार ब...Read More

किराए पे रह कर भी तो सदी गुजरती है

December 08, 2018
मैं उसके दिल में रहा,पर उसका हो न सका किराए पे रह कर भी तो सदी गुजरती है हर दिए से रोशनी आए ये कोई शर्त तो नहीं पहाड़ों से छिटक कर भी रोशनी ब...Read More

मी टू, #ही फ़ॉर सी से कुछ बदलेगा नहीं

December 08, 2018
कहीं पिघलना तो कहीं गलना है बहुत वो अदना औरत है उसे सँभलना है बहुत कहीं सीता तो कहीं पद्मावती अब भी हैं बहुत रिवाज़ की आग पर अभी उन्हें जलना ...Read More

एक अरसे से मैं बुझा ही नहीं

December 06, 2018
एक अरसे से मैं बुझा ही नहीं मैं कश्मीर हूँ,जलना ही मेरी नीयत है क्या रावी तो कभी चेनाब से धुआँ उठता है चिनार से पूछो ये अच्छी तबियत है क्या ...Read More

कातिल निगाहों को उठाइए जरा

December 01, 2018
ये बच्चा सच बहुत बोलता है,यहाँ जी नहीं पाएगा ज़माने के मुताबिक इसे झूठ भी सिखलाइए जरा बेशुमार खुशी बयाँ कर दी सरे-महफिल आपने हर एक खुशी में छ...Read More

तू मेरी सुबह बनके आ तू मेरी शाम बनके आ

November 30, 2018
तू मेरी सुबह बनके आ तू मेरी शाम बनके आ दूर आसमाँ में बैठे उस खुदा का पैग़ाम बनके आ मेरी तिश्नगी का कोई हासिल है भी या नहीं गर है तो तू मेरी क...Read More

काजल करने के लिए ताज़ा खूँ चाहिए

November 30, 2018
इन आँखों को नूर नहीं जुनून चाहिए काजल करने के लिए ताज़ा खूँ चाहिए गीत,ग़ज़ल,कविता,नज़्म सब बोलती हैं जिससे हज़रात क़त्ल हो,मजमून चाहिए जिस्म में ग...Read More

जबसे शहर में कोई गाँव बीमार आ गया है

November 30, 2018
मेरे मोहल्ले में झूठ का बाज़ार आ गया है दरवाज़ा खोलके देखो,अखबार आ गया है जिन नन्हीं हथेलियों को खिलौनें चाहिए थीं उन हाथों में खतरनाक औज़ार आ ...Read More