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इन शहरों का एक रास्ता गांव को भी खुलना चाहिए

November 25, 2019
इन शहरों का एक रास्ता गांव को भी खुलना चाहिए बहुत बीमार है ये, इसका हवा-पानी बदलना चाहिए इतनी तेज़ ज़िन्दगी कि जीने को साँसें कम पड़ जाए ज़ि...Read More

कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा

September 29, 2019
कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा ये आसमाँ ये सितारा भी बदल जाएगा कितना मोड़ पाओगे दरिया का रास्ता किसी  दिन किनारा भी बदल जाएगा दूसरों के ...Read More

ये चाक जिगर के सीना भी जरूरी है

September 04, 2019
ये चाक  जिगर के सीना  भी जरूरी है कुछ रोज़ खुद को जीना  भी जरूरी है ज़िंदगी रोज़ ही नए कायदे सिखाती  है बेकायदे होके कभी पीना भी जरूरी है सब यू...Read More

तेरी राह का पत्थर ही सही, तेरी राह में तो हूँ

September 04, 2019
तेरी राह का पत्थर ही सही, तेरी राह में तो हूँ तू खूब कोसा करे ही सही, तेरी आह में तो हूँ चोरी किए हुए मेरे ही शेर अच्छे लगते हैं तुम्हें महफ़...Read More

जो तुम चाहते हो बस वही मान लेते हैं

August 26, 2019
जो तुम चाहते हो बस वही मान लेते हैं झूठ को सच,सच को झूठ जान लेते हैं अब तक अक्सों में ढूँढते रहे इक दूजे को चलो आज हम खुद को पहचान लेते हैं ...Read More

मैं मदहोश न हो जाती क्यों-कर

May 06, 2019
न जाने किनका ख्याल आ गया रूखे-रौशन पे जमाल* आ गया जो झटक दिया इन जुल्फों को ज़माने भर का सवाल आ गया मैं मदहोश न हो जाती क्यों-कर खुशबू बिखेरत...Read More

मैं भी न सोया, वो भी तमाम रात जागते रहे

April 16, 2019
मैं भी न सोया,वो भी तमाम रात जागते रहे कभी खुद,कभी चाँद बनके मेरी छत पे ताकते रहे आँखों से एक झलक भी न ओझल हो जाए मेरी दहलीज को सितारों से ट...Read More

कुआँ सूख गया गाँव का, पानी खरीदते जाइए

April 16, 2019
कुआँ सूख गया गाँव का,पानी खरीदते जाइए आने वाली मौत की कहानी खरीदते जाइए बूढ़ा बरगद,बूढ़ा छप्पर सब तो ढह गए शहर से औने-पौने दाम में जवानी खरीदत...Read More

वो जो अपने होंठों पर अंगार लिए चलते हैं

April 16, 2019
वो जो अपने होंठों पर अंगार लिए चलते हैं मचलते यौवन का चारमीनार लिए चलते हैं ज़ुल्फ़ में पंजाब,कमर में बिहार लिए चलते हैं हुश्न का सारा मीना-बा...Read More

सुना है कि आप लड़ते बहुत हैं

April 16, 2019
सुना है कि आप लड़ते बहुत हैं शायद बातचीत से डरते बहुत हैं मन्दिर-मस्जिद की आड़ लेकर मासूमों पर जुल्म करते बहुत हैं देशभक्त आपके अलावे और भी है...Read More

माना वक़्त बुरा है तो मर जाएँ क्या

April 16, 2019
माना वक़्त बुरा है तो मर जाएँ क्या अपनी ही निगाहों से उतर जाएँ क्या हर चीज़ मेरे मुताबिक हो,जरूरी तो नहीं इतने से ग़म में जाँ से गुज़र जाएँ क्या...Read More

तुम्हारी महफ़िल में और भी इंतज़ाम है

April 16, 2019
तुम्हारी महफ़िल में और भी इंतज़ाम है या फिर वही शाकी,वही मैकदा,वही जाम है शायर बिकने लगे हैं अपने ही नज़्मों की तरफ पुराने शेरों को जामा पहना क...Read More

जिसे जन्नत कहते हैं, वो हिन्दुस्तान हर घड़ी दिखाएँगे

April 16, 2019
कुछ इस तरह अपने कलम की जादूगरी दिखाएँगे किसी की ज़ुल्फ़ों में लहलहाते खेत हरी-भरी दिखाएँगे छोड़ो उस आसमाँ के चाँद को,मगरूर बहुत है रातों को अपन...Read More

मुझे मेरी मौत का फरिश्ता चाहिए

April 16, 2019
हर रोज़ ही कोई नई खता चाहिए इस दिल  को दर्द का पता चाहिए कब तक होगा झूठा खैर मकदम मुझे अब बेरुख़ी का अता* चाहिए अच्छे लगते ही नहीं सूनी मंज़िले...Read More

जीना मुश्किल, मरना आसान हो गया

April 07, 2019
जीना मुश्किल, मरना आसान हो गया हर दूसरा घर कोई श्मशान हो गया माँ कहीं,बाप कहीं,बेटा कहीं,बेटी कहीं एक ही घर में सब अन्जान हो गया शहरों में न...Read More